Move to Jagran APP

आयुष्मान लाभार्थियों ने गायब कर दी पीएम की चिट्ठी

आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की गति प्रतापगढ़ में बीमार लग रही है। यहां पर अब तक केवल दो लाख गोल्डेन कार्ड बन सके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हजारों लाभार्थियों ने पीएम मोदी द्वारा भेजी गई पात्रता चिट्ठी ही गायब कर दी। उनकी लापरवाही उनके लिए ही मुसीबत बन गई है। वह इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 11:26 PM (IST)
आयुष्मान लाभार्थियों ने गायब कर दी पीएम की चिट्ठी
आयुष्मान लाभार्थियों ने गायब कर दी पीएम की चिट्ठी

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की गति प्रतापगढ़ में बीमार लग रही है। यहां पर अब तक केवल दो लाख गोल्डेन कार्ड बन सके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हजारों लाभार्थियों ने पीएम मोदी द्वारा भेजी गई पात्रता चिट्ठी ही गायब कर दी। उनकी लापरवाही उनके लिए ही मुसीबत बन गई है। वह इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

loksabha election banner

साल 2018 में 23 सितंबर को जब यह योजना शुरू हुई तो प्रतापगढ़ में भी इसका जोरदार ढंग से श्रीगणेश किया गया। शहर में कार्यक्रम आयोजित कर प्रधानमंत्री के संवाद को लाइव सुना गया। प्रथम चरण में इसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना के अंतर्गत एक लाख 77 हजार 721 लोग पात्र पाए गए। इनको वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर गरीबी रेखा से नीचे होने, घर कच्चा होने सहित मानक पर चुना गया। इनका कार्ड बनना शुरू हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री का पत्र अधिकांश के पास से गायब हो गया था। इन लोगों ने उस पत्र का मतलब ही नहीं समझा। कई जगहों पर आशा और डाक विभाग की लापरवाही से भी पत्र पात्र नहीं पहुंच सके। ग्रामीण क्षेत्र के लोग होने के कारण बहुत से लोग अपने पत्र की हिफाजत नहीं कर सके। पत्र या तो दमक चाट गए या सीलन से फट गया। जो बचा उसे लेकर गोल्डन कार्ड बनवाने पहुंचे तो उसमें क्रमांक संख्या का ही पता नहीं चला। इसके कारण मिलान करने में दिक्कत आने से उनका कार्ड अधर में लटक गया। इसके बाद छूटे हुए लाभार्थियों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाने लगा। इसमें प्रतापगढ़ के 24 हजार 424 लोगों का चयन किया गया। यहां भी उसी तरह की समस्या आई। यही वजह है कि करीब 10 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनना है और अभी तक मात्र दो लाख का ही बन सका है। जिला नोडल डॉ. सुधाकर सिंह कहते हैं कि लोगों में जागरूकता की कमी है। अब आशा व सुपरवाइजर के जरिए लोगों को कार्ड बनवाने को प्रेरित करने की तैयारी है।

--

अशिक्षा भी बड़ी बाधा

पट्टी, मंगरौरा, दीवानगंज क्षेत्र में कई बार स्वास्थ्य विभाग के गोल्डन कार्ड शिविर में एक भी लाभार्थी नहीं पहुंचा। लोगों ने इसे सत्ता दल की की कोई योजना बताकर कार्ड बनवाने से इन्कार कर दिया। ऐसे में विभाग मुश्किल में पड़ गया कि इनका गोल्डन कार्ड कैसे बनाया जाए। यह सब चल ही रहा था कि अचानक कोरोना ने दस्तक दे दी और थोड़ा बहुत जो कार्य हो रहा था वह भी जहां का तहां ठप हो गया।

--

पांच लाख का फ्री इलाज

आयुष्मान के पात्र को मिलने वाला गोल्डन कार्ड बड़े काम का होता है। इसके रहने से देश के चयनित निजी व सभी सरकारी अस्पताल में साल भर में पांच लाख तक का इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। अगर एक परिवार में पांच लोग हैं तो वह सब कार्ड से इलाज कराएं, कटौती मुखिया के कार्ड से होती रहेगी।

--

इस तरह बनवाएं कार्ड

अगर आपके पास प्रधानमंत्री का आयुष्मान पत्र है तो आप अपने नजदीक के सहज जन सेवा केंद्र जाएं। अपना पत्र दिखाएं। वह खो गया है तो आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र दें। सूची से मिलाने करके कार्ड बनाने का काम होगा। इसी तरह जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में भी कार्यालय खोला गया है। वहां भी कार्ड बनता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.