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तैयारियां पूरी, आज से 34 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू

34 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू होगी। खरीद करने के लिए अभी तक पीसीएफ व खाद्य विभाग के 17-17 केंद्र चयनित हुए हैं। शासन ने इस बार जिले में धान की खरीद का लक्ष्य 60 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया है। कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल व ग्रेड ए का धान 1888 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है। धान की खरीद के बाद 16 राइस मिल संचालकों को उसकी कुटाई की जिम्मेदारी दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 05:56 PM (IST)
तैयारियां पूरी,  आज से 34 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू
तैयारियां पूरी, आज से 34 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : धान खरीद करने को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। अभी तक केवल खाद्य विभाग व पीसीएफ के ही क्रय केंद्र बनाए गए हैं। किसानों की सहूलियत के लिए करीब दर्जन भर और नए क्रय केंद्र बनाने की कार्रवाई चल रही है।

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गुरुवार से जिले भर के 34 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू होगी। खरीद करने के लिए अभी तक पीसीएफ व खाद्य विभाग के 17-17 केंद्र चयनित हुए हैं। शासन ने इस बार जिले में धान की खरीद का लक्ष्य 60 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया है। कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल व ग्रेड ए का धान 1888 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है। धान की खरीद के बाद 16 राइस मिल संचालकों को उसकी कुटाई की जिम्मेदारी दी गई है। इस बार केंद्रों पर अगर महिला धान विक्रय करने आती है तो उनका धान बिना नंबर के खरीदा जाएगा। यानि की उनको पहली प्राथमिकता दी जाएगी। धान की खरीद को लेकर डिप्टी आरएमओ अजीत त्रिपाठी ने सोमवार को क्षेत्रीय विपणन अधिकारी पट्टी लाल प्रताप सिंह, लालगंज एवं कुंडा संजय सिंह आदि को बुलाकर सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कहा कि केंद्रों पर किसानों की सहूलियत मिले, इस पर अधिक जोर दिया जाए। डिप्टी आरएमओ ने बताया कि सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। केंद्रों पर जो कमियां थी, उसे दूर कर दिया गया है।

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अब पीएफएमस के जरिए किसानों का होगा भुगतान

किसानों को धान विक्रय करने के बाद अब पैसे के लिए केंद्र का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। शासन ने इस बार किसानों द्वारा केंद्र पर बेचे गए धान का भुगतान पीएफएमस (पब्लिक फाइनेंस मनेजमेंट सिस्टम) के जरिए होगा। भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। पहले आरटीजीएस (रियल टाइम ग्राफ सेटलमेंट) के माध्यम से भुगतान होता था। तीन दिन बाद या फिर उससे अधिक समय के बाद किसानों के खाते में पैसा पहुंचता था। कई को तो माह भर बाद पैसा मिला। शासन के नए प्रयोग से किसानों को सहूलियत मिलेगी।

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किसानों के मोबाइल पर आ रहा ओटीपी नंबर

धान खरीद करने को लेकर सारी तैयारियां जोरों से चल रही है। इस बार पंजीकरण कराना आसान नहीं होगा। किसानों को साइबर कैफे पर पंजीकरण कराने के दौरान मोबाइल साथ में रखना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान के मोबाइल नंबर पर ओटीपी नंबर आ रहा है। उस नंबर को कंप्यूटर सिस्टम पर अपलोड किया जा रहा है। इसके बाद ही पंजीकरण की कार्रवाई पूरी हो रही है। धान की खरीद पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है।


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