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गायब पांचों छात्र पहुंचे घर, परिजनों ने गले से लगाया

बाघराय थाना क्षेत्र के बंसियारा गांव के लिए शुक्रवार की सुबह कुछ अलग ही खुशी लिए हुए थी। आखिर हो भी क्यों ना गांव के गायब हुए पांच होनहार बच्चे वापस घर आ गए थे। वह अपने दिशा और लक्ष्य से भटककर नई दिल्ली जा पहुंचे थे और उन्हें वहां जाकर पता चला कि मां-पिता के छत्रछाया में ही रहकर उनका जीवन संवर सकता है और फिर उन्होंने घर वापसी का रास्ता चुना।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:03 AM (IST)
गायब पांचों छात्र पहुंचे घर, परिजनों ने गले से लगाया

संसू, बाघराय: बाघराय थाना क्षेत्र के बंसियारा गांव के लिए शुक्रवार की सुबह कुछ अलग ही खुशी लिए हुए थी। आखिर हो भी क्यों ना गांव के गायब हुए पांच होनहार बच्चे वापस घर आ गए थे। वह अपने दिशा और लक्ष्य से भटककर नई दिल्ली जा पहुंचे थे और उन्हें वहां जाकर पता चला कि मां-पिता के छत्रछाया में ही रहकर उनका जीवन संवर सकता है और फिर उन्होंने घर वापसी का रास्ता चुना। परिजन भी गदगद थे और अपने बच्चों की सारी गलतियों को भूल उन्हें अपने सीने से लगा लिया। इन पांच छात्रों के घरों में दिन भर लोगों की भीड़ लगी रही।

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बंसियारा गांव के अमित पुत्र राजेश गौतम, अरूण पुत्र रामधन, अंगद पुत्र जगदीश यादव, मनजीत पुत्र रामस्वरूप, निखिल पुत्र बाबूलाल कक्षा आठ के छात्र हैं। इन कुशाग्र बच्चों में गहरी दोस्ती है। ये सोमवार को दिन में दोपहर करीब 11 बजे घर से कोचिग के लिए निकले और बिना किसी से बताए लखनऊ के लिए निकल लिए। सोमवार की देर शाम अमित ने घर पर मैसेज भेजा कि पांचों दोस्त अपना सपना पूरा करने के लिए घर से निकले हैं। इसके बाद परिजनों में हड़कंप मच गया था। बाघराय पुलिस ने पांचों छात्रों का मोबाइल सर्विलांस पर लगवा दिया था, जिससे इनकी लोकेशन साफ हो गई थी। आखिरकार इन छात्रों से किसी तरह मोबाइल पर बात हुई और उस समय तक ये सभी नई दिल्ली पहुंच चुके थे। नई दिल्ली में इन्हें एक रिश्तेदार के घर रुकने को कहा गया। इन्हें लेने के लिए यहां से परिजन दिल्ली गए और शुक्रवार की सुबह इन पांचों को लेकर गांव लौटे। घर पहुंचने पर इन्हें खूब प्यार मिला। छात्रों ने भी सिर झुकाकर अपनी भूल पर पछतावा जताया। उन्होंने कसम खायी कि बगैर अनुमति के वे कभी भी घर से बाहर कदम नहीं रखेंगे। सभी परिजन अपने बच्चों को लेकर थाना बाघराय पहुंचे। बच्चों को देख एसओ बाघराय रवींद्र सिंह यादव ने भी संतोष की सांस ली। उधर पांचों बच्चों के मिलने के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल रहा।


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