फर्जी जियो टैग मिला तो डीपीआरओ पर होगी कार्रवाई
प्रतापगढ़ जिले को खुले से शौच मुक्त कराने के लिए सरकार ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत
प्रतापगढ़ : जिले को खुले से शौच मुक्त कराने के लिए सरकार ने दो अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इस मिशन का उद्देश्य था कि खुले में शौचमुक्त होने से स्वच्छता कायम होगा। इससे बीमारी नहीं फैलने पाएगी, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकार की मंशा तार-तार हो गई। अगर गांवों में पड़ताल कराई जाए तो निश्चित तौर पर तमाम ऐसे परिवार मिलेंगे, जहां पर शौचालय अब तक नहीं बना। बना तो काफी हिस्सा अभी भी अधूरा पड़ा है। शासन के दबाव के चलते उसकी फर्जी जियो टैगिग कर रिपोर्ट भेज दी गई। इसे लेकर निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण ने डीपीआरओ को पत्र के माध्यम से बताया कि इसका सत्यापन करा लें। अगर फर्जी जियो टैगिग मिली तो सीधे डीपीआरओ जिम्मेदार होंगे।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले भर में तीन लाख 74 हजार 475 शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था। विभाग के मुताबिक सारे शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं। उसकी जियो टैगिग भी हो चुकी है। लोग इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। हालांकि इसमें एलओबी को शामिल नहीं किया गया है। हाल में ही फर्जी जियो टैगिग पर कई डीपीआरओ को निलंबित शासन द्वारा किया गया। इसी के क्रम में अब फिर से शौचालय के जियो टैगिग का सत्यापन करने को कहा गया है। मिशन के निदेशक डा. बीडी तिवारी ने डीपीआरओ को पत्र भेजकर साफ तौर पर कहा कि सभी शौचालयों की जियो टैगिग करा ली जाए। यह जरूरी नहीं कि पूर्व में भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार सारे शौचालय की जियो टैगिग सही हुई हो। निदेशक का पत्र आते ही विभाग में खलबली मची है।