किसानों को आधुनिक कृषि के गुर सिखाएंगी आजीविका सखी
प्रवीण कुमार यादव प्रतापगढ़ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी आजीविका सखी किसानों
प्रवीण कुमार यादव, प्रतापगढ़ : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी आजीविका सखी किसानों को आधुनिक कृषि करने के गुर सिखाएंगी। ताकि वह खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार कर सकें। इससे पहले उनको बकायदा प्रशिक्षित किया जाएगा। तब जाकर आजीविका सखी किसानों को प्रशिक्षित करेंगी। गांव में जैविक खेती को बढ़ावा देने, रासायनिक केमिकल का प्रयोग कम करने, उन्हें कृषि उद्यमी बनाने पर जोर देंगी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में एक कदम ओर बढ़ाने का कार्य किया है। ग्राम पंचायत स्तर पर बने स्वयं सहायता समूह में उन महिलाओं को आजीविका सखी बनाने की योजना चल रही है, जिनमें पहले से ही कृषि की समझ है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं की रुचि के अनुसार उन्हें कृषि आदि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी का प्रशिक्षण देगा। मिशन ने जिस क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लगाया है। उनके कार्य को जोड़कर उन्हें सखी नाम दिया। कृषि का प्रशिक्षण लेकर आजीविका सखी कृषि की आधुनिक तकनीकी से किसानों को फसलों की अच्छी पैदावार करने में उनकी मदद करेंगी। अपने क्षेत्र के कई किसानों को समय से फसल की बुआई, सिचाई और फसलों में लगने वाले रोगों की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करने की सलाह देंगी। इसके पीछे विभाग का मकसद है कि पुराने पैटर्न पर जैविक खेती किया जाए। ताकि वह किसान कृषि उद्यमी बन सकें।
एक साल का हो अनुभव : आजीविका सखी उसी महिला को बनाया जाएगा, जिसको स्वयं सहायता समूह में काम करने का कम से कम एक साल का अनुभव हो। न्यूनतम आठवीं पास हो। नवंबर माह के अंतिम में सखी का चयन होगा। सबसे खास बात यह है कि उनके कार्य पर आधारित मानदेय दिया जाएगा।