चक्रवाती तूफान से एक दर्जन पेड़ गिरे, सहमे लोग
प्रतापगढ़ में शनिवार को दिन में लगभग ढाई बजे अचानक चक्रवाती तूफान आने से लोग सहम गए। तूफान की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोग कुछ समझ नहीं पाए। शहर की सड़कें धूल भरी आंधी से पट गईं। बूंदाबांदी भी हुई। उधर पट्टी रोड पर इस तूफान से दर्जन भर पेड़ गिर गए। सनई अनुसंधान केंद्र के मौसम विज्ञान प्रेक्षक देशराज मीना के मुताबिक तूफान की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे रही।
संसू, प्रतापगढ़/दीवानगंज : जिले में शनिवार को दिन में लगभग ढाई बजे अचानक चक्रवाती तूफान आने से लोग सहम गए। तूफान की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोग कुछ समझ नहीं पाए। शहर की सड़कें धूल भरी आंधी से पट गईं। बूंदाबांदी भी हुई। उधर पट्टी रोड पर इस तूफान से दर्जन भर पेड़ गिर गए।
शनिवार को आए चक्रवाती तूफान से जो जहां था वहीं सुरक्षित स्थान ढूंढने लगा। तेज हवाओं के साथ धूलभरी हवाएं चलने लगीं। सनई अनुसंधान केंद्र के मौसम विज्ञान प्रेक्षक देशराज मीना के मुताबिक तूफान की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे रही। इससे पटटी-प्रतापगढ़ मार्ग पर मनैतापुर, परसनी, नरसिंहपुर गांव के पास सड़क किनारे स्थित पांच शीशम के पेड़ सहित एक दर्जन से अधिक पेड़ तूफान से मुख्यमार्ग पर गिर पड़े। मुख्यमार्ग पर अचानक पेड़ो के गिरने से सड़क पर जा रहे भारी वाहन, चार पहिया, बाइक सवार तथा साइकिल सवार राहगीरों में अफरा तफरी मच गई। इस दौरान पट्टी-प्रतापगढ़ मार्ग पर लगभग दो घंटे तक आवागमन पूरी तरह बाधित रहा।
आवागमन बाधित होने से वाहन चालक सोनाही, उड़ैयाडीह, मंगरौरा तथा करैला बाजार के रास्ते रवाना हुए। पेड़ गिरने से मनैतापुर गांव के पास चाय पान की दुकान पर बैठे राजाराम (65) पुत्र भगौती दीन जहां घायल हो गया। वहीं उसकी दुकान पर शीशम का गिरने से दुकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान साइकिल से घर जा रहे पूरेघना गांव का एक युवक पेड़ के नीचे आने से बाल-बाल बच गया, लेकिन उसकी साइकिल चकनाचूर हो गई। पेड़ गिरने की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई तो मौके पर पहुंचे वन विभाग के रमेश मिश्रा, कमलेश ओझा, थानेदार सिंह, शीतला प्रसाद सिंह, सूर्यनाथ सिंह सहित अन्य ग्रामीणों तथा स्थानीय पुलिस की मदद से लगभग दो घंटे के बाद सड़क से पेड़ हटाया गया। तब जाकर यातायात बहाल हो सका। तीन किलोमीटर के दायरे में आए चक्रवाती तूफान से गांव में भी छप्पर और पेड़ गिरे हैं।
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