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पूरनपुर व बीसलपुर में प्रयोगशालाएं बंद

जिले में पहले तीन तहसीलें थीं इसलिए तीनों जगह राजकीय भूमि परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना कराई गई। बाद में कलीनगर और अमरिया नई तहसीलें बन गईंलेकिन वहां अभी तक प्रयोगशालाएं नहीं खुल सकी हैं। पूरनपुर और बीसलपुर की प्रयोगशालाएं पिछले साल महीने से बंद पड़ी हैं। सदर की प्रयोगशाला ही वर्तमान में चल रहीलेकिन यहां महीनों तक कोई किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने नहीं पहुंचता।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 05:23 PM (IST)
पूरनपुर व बीसलपुर में प्रयोगशालाएं बंद
पूरनपुर व बीसलपुर में प्रयोगशालाएं बंद

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : जिले में पहले तीन तहसीलें थीं, इसलिए तीनों जगह राजकीय भूमि परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना कराई गई। बाद में कलीनगर और अमरिया नई तहसीलें बन गईं,लेकिन वहां अभी तक प्रयोगशालाएं नहीं खुल सकी हैं। पूरनपुर और बीसलपुर की प्रयोगशालाएं पिछले साल महीने से बंद पड़ी हैं। सदर की प्रयोगशाला ही वर्तमान में चल रही,लेकिन यहां महीनों तक कोई किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने नहीं पहुंचता। सरकारी अभियान के दौरान खेतों की मिट्टी के जो नमूने एकत्र करके यहां भेजे जाते हैं, उन्हीं की जांच करके रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है। व्यक्तिगत रूप से साल भर के दौरान यहां मिट्टी का परीक्षण कराने वाले किसानों की संख्या सिर्फ 71 है।

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सदर तहसील की भूमि परीक्षण प्रयोगशाला टनकपुर हाईवे पर मरौरी ब्लॉक कार्यालय के निकट स्थापित है। कई दशक पहले यह प्रयोगशाला स्टेशन रोड पर जय टाकीज के पास किराए के भवन में संचालित होती रही। बाद में कृषि विभाग ने भवन का निर्माण कराया तो नए भवन में प्रयोगशाला को स्थानांतरित कर दिया गया। दो साल पहले तक इस प्रयोगशाला में मिट्टी में मौजूद मुख्य पोषक तत्वों की जांच कराने की ही सुविधा थी, लेकिन वर्ष 2018 में यहां लगभग बीस लाख रुपये की लागत से सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच करने वाली मशीन भी स्थापित हो गई। मगर किसानों को इसका समुचित रूप से फायदा नहीं मिल पा रहा है। जिले के चंद प्रगतिशील एवं जागरूक किसान ही यहां अपने खेत की मिट्टी लेकर समय-समय पर जांच कराने पहुंचते हैं। मुख्य पोषक तत्वों की जांच कराने के लिए किसान को 29 रुपये शुल्क देना होता है। अगर वह मुख्य और सूक्ष्म दोनों तरह के पोषक तत्वों की जांच कराना चाहता है तो फिर 102 रुपये शुल्क जमा करना पड़ेगा। प्रयोगशाला के अध्यक्ष करन सिंह बताते हैं कि मिट्टी का नमूना प्राप्त होने के बाद परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने में दो दिन का समय लगता है। यहां नौ लोगों का स्टाफ स्वीकृत है,लेकिन सिर्फ पांच से काम चलाया जा रहा। उसमें भी एक उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी के यहां के तकनीशियन को संबद्ध कर रखा है। बीसलपुर और पूरनपुर की मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं लगभग सात महीने से बंद पड़ी हुई हैं। वहां के किसान अगर अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराना चाहें तो उन्हें जिला मुख्यालय पर आना पड़ेगा। प्रयोगशाला के अध्यक्ष का कहना है कि वहां की प्रयोगशालाओं में समस्त कर्मचारी संविदा पर आधारित हैं। इस बार पूरे बरेली मंडल में विभाग के संविदा कर्मचारियों का नवीनीकरण अब तक नहीं हो सका है, इसीलिए प्रयोगशालाएं बंद पड़ी हुई हैं। संविदा कर्मचारियों की नवीनीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही जिले को अन्य दोनों प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण का कार्य शुरू हो सकेगा।


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