महिला चिकित्सालय भवन खंडहर
शासन व जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते शहर में स्थित एक मात्र राजकीय महिला चिकित्सालय खंडहर हो गया है।
बीसलपुर (पीलीभीत) : शासन व जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते शहर में स्थित एक मात्र राजकीय महिला अस्पताल भवन खंडहर में तब्दील होकर रह गया है। असामाजिक तत्व अस्पताल भवन के दरवाजे व खिड़कियां तक उखाड़ ले गए। चिकित्सालय के वीरान हो जाने से ग्रामीण अंचलों की गरीब महिलाएं प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पती रहती है। नये महिला चिकित्सालय भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है।
नगर में स्थित एकमात्र राजकीय महिला अस्पताल वर्षो से बदहाली से जूझ रहा है। चिकित्सालय में तैनात महिला चिकित्सक डा.ओमवती का 22 वर्ष पूर्व यहां से पूरनपुर के लिए स्थानांतरण हो जाने के बाद चिकित्सालय पर गर्दिश के बादल छा गये। महिला अस्पताल में चिकित्सक की नियुक्त न होने की वजह से ताले पड़ गये और कर्मचारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सम्बद्ध कर दिया गया। चिकित्सालय की बदहाली का आलम यह है कि असामाजिक तत्व भवन के दरवाजे व खिड़कियां उखाड़ ले गये है। अस्पताल का हजारों रुपए कीमत का सामान, लोहे के बेड व अन्य उपकरण गायब हो गये है। भवन की छत ढह जाने की वजह से अस्पताल खंडहर में तब्दील होकर रह गया है। चिकित्सालय के वीरान हो जाने की वजह से ग्रामीण अंचलों की गरीब महिलाओं के लिये प्रसव कराने के लिए विवश होकर निजी चिकित्सालय में जाना पड़ रहा है। महिला चिकित्सालय के खंडहर में तब्दील होने से क्षेत्र की महिलाओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डॉ. ठाकुरदास ने बताया कि चिकित्सालय भवन के खंडहर में तब्दील होने जा की सूचना विभागीय उच्चाधिकारियों को दे दी गयी है।
क्या कहती हैं महिलाएं
बीसलपुर तहसील मुख्यालय है इसीलिए नगर में राजकीय महिला चिकित्सालय का बनना आवश्यक है। क्षेत्र की महिलाओं को प्रसव कराने को निजी चिकित्सालयों में जाना पड़ता है। जिससे उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जटिल शासन को महिला चिकित्सालय का भवन शीघ्र बनवाना चाहिए।
डॉ.मीनल ऐरन अग्रवाल
राजकीय महिला चिकित्सालय खंडहर में तब्दील पड़ा है। हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं के लिये प्रसव की सुविधा ह परंतु महिला चिकिल्सालय न होने से दिक्कत का सामना करना पड़ता है। चिकित्सालय में महिला चिकित्सक को हेडक्वार्टर स्थित आवास पर रुकना चाहिए। जिससे सही समय पर प्रसव कराने वाली महिलाओं को सुविधा का लाभ हो सके।
डॉ.मंजू अग्रवाल
बीसलपुर को तहसील होने का गौरव हासिल ह परंतु सरकारी महिला चिकित्सालय भवन न होने से महिलाओं को पुरुषों वाले सरकारी चिकित्सालय में असुविधाएं सहते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पा रहा है। शासन व जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देकर महिला चिकित्सालय भवन का निर्माण कराना चाहिए।
मुन्नी देवी
गरीब तबके क कई महिलाएं प्रसव पीड़ा के दौरान समय से उपचार न मिल पाने के कारण मौत के मुंह में समा चुकी है। झोलाछाप महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। शासन व विभागीय अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। महिला चिकित्सालय भवन का निर्माण होना आवश्यक है।
सुनीता भोजवाल