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जलस्तर घटते ही रमनगरा में होने लगा कटान

दो दिन से शारदा नदी के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है। नदी ने रमनगरा क्षेत्र में किसानों की धान गन्ने की फसलों समेत जमीनों का सफाया करना शुरू कर दिया है। बाढ़ से बचाव के लिए प्लास्टिक के कट्टों में मिट्टी भरकर नदी की धार को मोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 10:45 PM (IST)
जलस्तर घटते ही रमनगरा में होने लगा कटान

पीलीभीत,जेएनएन : दो दिन से शारदा नदी के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है। नदी ने रमनगरा क्षेत्र में किसानों की धान गन्ने की फसलों समेत जमीनों का सफाया करना शुरू कर दिया है। बाढ़ से बचाव के लिए प्लास्टिक के कट्टों में मिट्टी भरकर नदी की धार को मोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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पहाड़ों पर हो रही बरसात का पानी वनबसा बैराज से छोड़ने से शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। नदी की बाढ़ का पानी निचले क्षेत्रों में भर गया था। अनेक किसानों की धान की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई थी तथा घरों में भी पानी घुस गया था। दो दिनों से नदी का जलस्तर कम होने लगा है जिससे नदी ने रमनगरा क्षेत्र में रहने वाले जस्सा सिंह के घर के आगे जमीन और फसल का सफाया करना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में बलदेव सिंह,बलविदर सिंह, हरबंस, गुरदीप, मंगा सिंह, काकू, निन्दर सिंह आदि किसानों की जमीनों व फसलों को नदी लगातार काटकर अंदर की ओर बढ़ रही है । बाढ़ खंड द्वारा जस्सा सिंह के मकान के आगे प्लास्टिक के कट्टे में मिट्टी भरकर नदी में डाल कर धारा को मोड़ने का प्रयास शुरू कराया है लेकिन नदी की तेज धार के आगे कोई सफलता नहीं मिल रही है। करीब 2 माह पहले क्षेत्र में मार्जिनल बांध को बनाने का कार्य शुरू किया गया था। लेकिन काफी दिनों से मार्जिनल बांध के निर्माण का काम ठप पड़ा है। किसान निन्दर सिंह व बलदेव सिंह ने रोष जताते हुए कहा कि समय पर बाढ़ राहत कार्य न कराने से जमीन नदी में समा चुकी हैं।


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