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जंगल से वन टीम ने गौढ़ी संचालकों को खदेड़ा

उत्तर लखीमपुर खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेंज की तरफ से जंगल में स्थापित गौढ़ी संचालनों ने कब्जा कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 10:28 PM (IST)
जंगल से वन टीम ने गौढ़ी संचालकों को खदेड़ा
जंगल से वन टीम ने गौढ़ी संचालकों को खदेड़ा

पूरनपुर (पीलीभीत): उत्तर लखीमपुर खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेंज की तरफ से जंगल में स्थापित गौढि़यों को हटाने का अभियान चलाया गया। गौढ़ी संचालकों ने आगजनी करने का आरोप लगाते हुए एसओ हजारा से शिकायत की। आग लगने से बमुश्किल लोगों ने अपना सामान बचाया। कुछ पशु भी आग की चपेट में आकर झुलसने की बात गौढ़ी संचालकों ने कही है।

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खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेंज के अंतर्गत अशोकनगर वन बीट, हजारा वन बीट के अलावा इंडो नेपाल बार्डर क्षेत्र के ¨सघाड़ा उर्फ टाटरगंज वन बीट के जंगलों में लोग लगभग 50 साल से घास फूस की झोपड़ी बनाकर सैकड़ों भैंस, गाय आदि पशुओं को गौढ़ी बनाकर गांव नहरोसा व कबीरगंज के दर्जनों लोग पशुपालन कर रहे हैं। गांव नहरोसा गांव के अनवर, यीसूब, गुलफान, शरीफ, अब्दुल, हाशिम, टीकाराम, बाबूराम, अमजद, शमशाद, फरियाद,नौशाद, गो¨वद, मोसिम, आमीन, सत्तार, जमील, रज्जाक, उस्मान, हनीफ, आजाद समेत कई गौढ़ी संचालकों ने हजारा थाना में तहरीर देते हुए बताया कि सोमवार की सुबह लगभग 9 बजे के आसपास उत्तर खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेंज की वन विभाग की टीम अचानक गौढि़यों पर पहुंच गई। आरोप लगाया कि वहां बनी झोपड़ियों में आग लगा दी। मुरैना, धनाराघाट, हजारा, बॉर्डर क्षेत्र के ¨सघाड़ा उर्फ टाटरगंज की गौढ़ी को आग के हवाले कर दिया। झोपड़ियां जलकर नष्ट हो गई। झोपड़ियों में रखे चारपाई, बिस्तर, बर्तन आदि को बमुश्किल बचाया जा सका। हजारा थाना के कार्यवाहक थाना प्रभारी सुरेश पाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मौका मुआयना कर आगजनी की घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। थाना प्रभारी सुरेश पाल ने बताया है कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर लखीमपुर खीरी वन प्रभाग के डीएफओ अनिल पटेल ने बताया कि जंगल में संचालित हो रही गौढि़यों को शासन के आदेश पर हटाया गया है। आग लगाने की घटना की जानकारी मुझे नहीं है। अगर ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी। गौढ़ी संचालकों को एक माह पहले सूचना देकर अवगत करा दिया गया था कि वह जंगल से गौढ़ी हटा लें, लेकिन संचालकों ने गौढ़ी नहीं हटाई। इसके चलते स्वयं ही टीम को गौढ़ी हटानी पड़ी।

-सुभाष चंद वर्मा , वन क्षेत्राधिकारी संपूर्णानगर।


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