उज्ज्वला गैस कनेक्शन 'धुआं-धुआं'
महिलाओं को धुएं से मुक्त करके गैस पर भोजन बनाने की सुविधा देने के लिए शुरू की मौत हो गई।
पीलीभीत : महिलाओं को धुएं से मुक्त करके गैस पर भोजन बनाने की सुविधा देने के लिए शुरू की गई उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना खुद ही धुआं-धुआं हो गई है। टाइगर रिजर्व के जंगल के किनारे बसे पूर्वांचल के लोगों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। शौचालय और सरकार की उज्ज्वला योजना से आज भी यहां के बाशिदे इन योजनाओं से वंचित हैं। इसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
घुंघचाई क्षेत्र की मटेहना कालोनी टाइगर रिजर्व के जंगल से सटी हुई हैं। यहां बाघ की सक्रियता से ग्रामीणों में दहशत बनी रहती हैं। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कई परिवार शौचालय के लाभ से वंचित हैं। शौचालय न होने के कारण ग्रामीण को मजबूरन टाइगर रिजर्व की ओर रुख करना पड़ता हैं। इससे जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। उज्ज्वला योजना के तहत घर घर गैस कनेक्शन मुहैया न होने पाने के कारण जहां की महिलाएं आज भी जंगल की लकड़ी से खाना बनाने को मजबूर हैं।
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फोटो 5 पीएनपीआर 1
घर में गैस कनेक्शन नहीं है। मजबूरन जंगल से लकड़ी लाकर चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है। आज तक गैस कनेक्शन नहीं मिल पाया। फार्म भरकर जमा कर चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक गैस कनेक्शन नहीं मिला।
बासमती देवी
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फोटो 5 पीएनपीआर 2
गरीबी के चलते घर में पक्का शौचालय नहीं बनवा पाई हूं। इससे बाहर जाना पड़ता है। हमारा घर जंगल के किनारे हैं जिससे आए दिन जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है।
ब्रज बाला देवी
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फोटो 5 पीएनपीआर 3
स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कई बार मांग करने के बावजूद भी शौचालय नहीं मिल सका। इस ओर अधिकारियों को ध्यान देकर योजना से बंचित लोगों को सहूलियत दी जानी चाहिए।
रामवती देवी
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ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों के शौचालय बनवा दिए गए हैं। अगर फिर भी कोई शौचालय से वंचित है तो उसे जल्द ही शौचालय का लाभ दिलाया जाएगा।
कैलाश, प्रधान मटेहना कालोनी