Move to Jagran APP

ट्रेनों का संचालन बंद होने से यात्रियों को दिक्कत

पीलीभीत से पूरनपुर और शाहजहांपुर जाने वाली ट्रेनों का संचालन लगभग एक वर्ष से बंद है। पूरनपुर से पीलीभीत और शाहजहांपुर से पीलीभीत की ओर सफर करने वाले यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:14 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:14 PM (IST)
ट्रेनों का संचालन बंद होने से यात्रियों को दिक्कत
ट्रेनों का संचालन बंद होने से यात्रियों को दिक्कत

पीलीभीत: पीलीभीत से पूरनपुर और शाहजहांपुर जाने वाली ट्रेनों का संचालन लगभग एक वर्ष से बंद है। पूरनपुर से पीलीभीत और शाहजहांपुर से पीलीभीत की ओर सफर करने वाले यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रोडवेज कर्मचारी केवल कागजों में अधिकारियों से वाहवाही लूटने में लगे हुए है। किसी भी चौराहा पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए किसी तरह का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है।

loksabha election banner

इन रुटों का संचालन बंद हुए लगभग एक वर्ष होने को जा रहा है। जिससे प्रतिदिन आने जाने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन ट्रेनों पर प्रतिदिन लगभग 4000 हजार यात्री पीलीभीत का सफर तय करते थे। अब सबसे बड़ी बात यह है कि इन रूट की सवारियों के लिए मात्र गिनी चुनी ही रोडवेज बसों का ही सहारा रह गया है। जिस वजह से प्रतिदिन आने जाने वाले यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। डग्गामार वाहन स्वामियों के हौंसले भी बुलंद हो चुके हैं। वह अपने वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठा लेते है। जिससे महिलाओं तथा बच्चों को भी काफी दिक्कत होती है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहे है। ट्रेनों का संचालन भविष्य में कब तक हो पाएगा। इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। कुछ जागरुक लोगों ने रोडवेज वाहनों के हालात और संख्या के संबंध में आला अधिकारियों को पत्राचार भी किया है। लेकिन अधिकारियों के तरफ से कोई संतोषजनक जबाव भी नहीं मिल सका है। लोगों का कहना है कि यदि इस संबंध में किसी कर्मचारी से कोई भी बात कही भी जाती है। तो वह भी संतोषजनक जबाव नहीं देते है। इस समय इन रूटों पर यात्रा करने का आलम यह हो चुका है कि शाम को यदि सात बजे के बाद आपको सफर करना है। तो यात्रियों को ट्रक या किसी भी डग्गामार वाहन से यात्रा करना पड़ रहा है। वहीं यादि रोडवेज कर्मचारियों से इस संबंध में बात की जाए तो वह सवारियां कम होने का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लेते है। लेकिन कभी मौके की स्थित का जायजा लेना उचित नही समझा जाता है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सिर्फ अपनी वाहवाही लूटने में लगे रहते है। और यात्रियों की सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नही दिया जाता है।

मैं कचहरी प्रतिदिन आता जाता हूं। पहले ट्रेन का साधन था तो किसी तरह की कोई भी दिक्कत नही होती थी। अब उनका संचालन बंद हो चुका है। लेकिन सड़क पर रोडवेज वाहनों का आलम यह है कि किस समय बस आएगी और किस समय जाएगी कोई पता नही रहता है। नही कोई विभागीय कर्मचारी इस विषय पर कोई संतोषजनक जबाब नही देता है। मैने इस संबंध में मोबाइल फोन के माध्यम से इस विषय पर कई बार शिकायत भी की है। फिर भी कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिल पाया है।

-इंद्रपाल गंगवार, बीसलपुर। ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद सोचा था कि अब लगता है कि बीसलपुर- पीलीभीत मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन सही तरीके से होने लगेगा। अब किसी समय आ सकते है और किसी समय जा सकते है। लेकिन रोडवेज के हालत और भी बदतर हो गए है। जिसके वजह से डग्गामार वाहनों सहारा लेना पड़ता है। वाहन स्वामियों के हौसले इतने बुलंद है कि वह अपनी क्षमता से अधिक सवारियां तो बिठाते ही हैं। ऊपर से गाड़ी की छत पर भारी सामान भी भर लेते है। जिससे यात्रा करने में हर समय खतरा बना रहता है।

-राजकमल राजन, बीसलपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.