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टाइगर रिजर्व में कैंटीन पर समिति का वर्चस्व खत्म

टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नये पर्यटन सीजन में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लंबे समय से कैंटीन संचालन कर रही मुस्तफाबाद समिति के वर्चस्व को खत्म करने का निर्णय लिया है। अब कैंटीन का प्रबंधन ईको डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। जाहिर है कि पर्यटकों को कैंटीन में समुचित सुविधाएं कराई जा सकेंगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 06:27 AM (IST)
टाइगर रिजर्व में कैंटीन पर समिति का वर्चस्व खत्म
टाइगर रिजर्व में कैंटीन पर समिति का वर्चस्व खत्म

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नये पर्यटन सीजन में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लंबे समय से कैंटीन संचालन कर रही मुस्तफाबाद समिति के वर्चस्व को खत्म करने का निर्णय लिया है। अब कैंटीन का प्रबंधन ईको डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। जाहिर है कि पर्यटकों को कैंटीन में समुचित सुविधाएं कराई जा सकेंगी। पांच बरस पहले बनी थीं समितियां

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भारत सरकार ने वर्ष 1996 में जापान के सहयोग से देश के वन बाहुल्य क्षेत्र के लोगों को रोजगार देने के मकसद से जायका नाम से परियोजना लागू की थी। पीलीभीत में जायका परियोजना को वर्ष 2013-14 में लागू किया गया था, जिसके तहत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आधा दर्जन समितियां गठित की गई थीं। समितियों के माध्यम से जंगल में रखवाली के लिए रोजगार दिया गया था। जिसके तहत बान, चटाई, हल्दी, केला आदि के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया था। साथ ही समितियों के माध्यम से टाइगर रिजर्व की कैंटीन का संचालन शुरू किया गया। कैंटीन पर होने वाली आय का दस फीसद रकम को समिति के खाते में जमा किया जाना था। इस रकम से जंगल से सटे गांवों में विकास कार्य कराए जाने थे। पांच साल के दौरान कोई विकास कार्य नहीं किया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि समिति संचालकों ने उक्त रकम का कोई रिकार्ड भी टाइगर रिजर्व प्रशासन को अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

चूका कैंटीन में कई बार हुआ विवाद

टाइगर रिजर्व स्थित ईको टूरिज्म चूका पिकनिक स्पॉट पर स्थित कैंटीन पर तैनात कर्मचारियों पर पर्यटकों के साथ गलत व्यवहार करने के आरोप लगते रहे हैं। दो साल पहले इसी कैंटीन पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश गंगवार के पुत्र और उसके साथियों के साथ मारपीट की गई थी। बाद में यह मामला किसी तरह टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सुलटा दिया था।

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इस पर्यटन सत्र में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में घूमने आने वाले पर्यटकों को कैंटीन की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए एक कैंटीन महोफ रेंज के गेट पर दूसरी चूका स्पॉट पर और तीसरी कैंटीन की व्यवस्था बाइफरकेशन पर कराई जा रही है।

-नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीटीआर इन्सेट

पीटीआर को मिले दो नये वाहन

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने टाइगर रिजर्व प्रशासन को दो नये वाहन उपलब्ध कराए हैं। एक बोलेरो टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर के लिए दी गई है, जबकि कैंपर गाड़ी गश्त के लिए मुहैया कराई गई है। सोमवार की शाम टाइगर रिजर्व के स्टोर बाबू सर्वेश कुमार दोनों नये वाहन बरेली से लेकर यहां पहुंचे हैं। इन्सेट

अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ा

टाइगर रिजर्व के माला रेंज स्थित गोयल कालोनी में सोमवार को अमल मंडल पुत्र काशी राम मंडल के धान के  खेत में अजगर पहुंच गया। अजगर को देख ग्रामीणों में खलबली मच गई। मामले की सूचना मिलने पर वन दारोगा मोहम्मद आरिफ के नेतृत्व में टीम पहुंची। टीम ने अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।


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