सर्दी शुरू , होने लगे वन्यजीवों के हमले
सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही बाघों के हमले भी चालू हो गए हैं। जंगल किनारे गांवों के लोगों में बाघ की दहशत है।
पीलीभीत : सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही बाघों के हमले भी चालू हो गए हैं। जंगल किनारे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई।
टाइगर रिजर्व का जंगल पांच रेंजों महोफ, माला, बराही, हरीपुर, दियोरिया कलां में फैला हुआ है, जिसमें लुप्तप्राय बाघ की चहल कदमी है। जंगल किनारे गांवों में बाघ के विचरण से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो रहा है। हर साल सर्दी मौसम आने पर बाघों के हमले के ग्राफ में तेजी से बढ़ोत्तरी होनी शुरू हो जाती है। जंगल से बाहर सुअर आता है। उसके पीछे बाघ चला आता है, जो गन्ने के खेतों में शरणस्थली बना लेता है। इसी वजह से गन्ना खेतों में काम करने वाले मजदूर बाघ के हमले का शिकार होते हैं। अब सर्दी का मौसम की शुरुआत हो गई तो बाघ हमले भी चालू हो गए हैं। सर्दी मौसम के सबसे पहले खाईखेड़ा के मजदूर दीनदयाल और बांसबोझ की महिला गुड्डी देवी पर बाघ ने हमला किया। वर्ष 2018 में दर्जनों लोग बाघ हमले में घायल हो चुके हैं। 14 जनवरी को बसंतापुर के नन्हेलाल और ढेरम मढ़रिया की सावित्री पर बाघ ने घायल किया था। इसके बाद 17 जनवरी को ¨सधौरा ¨बदुआ में हीरालाल, 18 जनवरी को उदयपुर माफी की सावित्री और जीनत बेगम, 28 जनवरी को पूरनपुर के चौक निवासी सचिन गुप्ता, 30 जनवरी को सिमरिया गौसू के रामस्वरूप, वीर ¨सह, छह जुलाई को नानकमत्ता के बूटा ¨सह, दो अगस्त को अमरिया के मझलिया के राम औतार बाघ हमले में घायल हो चुके हैं।
पेड़ पर लगा कैमरा, नहीं आई तस्वीर
गजरौला कलां : क्षेत्र में बाघ की चहल कदमी निरंतर दिखाई दे रही है। गांव बांसबोझ निवासी महिला गुड्डी पत्नी छोटेलाल पर बाघ ने हमला बोल दिया, जिससे वह बाल-बाल बच गई। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। सूचना पर मौके पर वन विभाग के कर्मचारियों ने पहुंचकर मौका मुआयना किया। खेतों में बाघ की चहल कदमी को कैद करने के लिए लेजर कैमरे लगाए गए हैं। अभी तक कैमरे में बाघ की तस्वीर नहीं आई है। बाघ की वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।