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बाघ ने मारा बछड़ा, कुत्तों ने भागकर बचाई जान

कलीनगर में संडई रेलवे हाल्ट के निकट जंगल से बाहर आए बाघ ने एक बछड़े को मार डाला।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:03 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:03 AM (IST)
बाघ ने मारा बछड़ा, कुत्तों ने भागकर बचाई जान
बाघ ने मारा बछड़ा, कुत्तों ने भागकर बचाई जान

पीलीभीत : कलीनगर में संडई रेलवे हाल्ट के निकट जंगल से बाहर आए बाघ ने एक बछड़े को निवाला बना डाला जबकि कुत्तों ने भाग कर जान बचाई। करीब 4 माह के बाद फिर से इस क्षेत्र में बाघ के विचरण करने से दहशत का माहौल है। वहां के दुकानदार व अन्य लोग अंधेरा होते ही घरों में कैद हो जाते हैं। हमले की सूचना पर वन चौकी भैरव कलां पर दी गई है।

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टाइगर रिजर्व की माला वन रेंज जंगल के बाहर आया बाघ कुछ दिनों से संडई रेलवे हाल्ट क्षेत्र में खुलेआम विचरण करते देखा जा रहा है। रेलवे हाल्ट से पश्चिम दिशा में निगोही माइनर से क्षेत्र के विभिन्न गांव के लोग आसाम हाइवे से पूरनपुर पीलीभीत आते जाते हैं। इस नहर मार्ग के दोनों और करीब 2 किलोमीटर जंगल है। गेहूं की कटाई से पहले जंगल से बाहर आए बाघ ने क्षेत्र में बग्ला उर्फ मित्रसेनपुर व करनापुर आदि गांवों में मवेशियों को निवाला बना कर दहशत फैला डाली थी। संडई नहर मार्ग क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से पुन: बाघ के खुलेआम विचरण करने से दहशत का माहौल है। अंधेरा होते ही हाल्ट के सामने स्थित गुरुद्वारा के पास के दुकानदार घरों में कैद हो जाते हैं। बुधवार सुबह बंग्ला गांव के हरप्रसाद का बेटा संतराम साइकिल से जब रेलवे हाल्ट के निकट पहुंचा तब रेल पटरी के पास बाघ को देख घबरा गया तथा साइकिल पीछे दौड़ाने के बाद मोबाइल से इसकी सूचना अपने पिता व गुरुद्वारा के बाबा दीप ¨सह को दी। विभाग को जानकारी मिलते ही कई लोग गुरुद्वारा आ गए। क्षेत्र के फार्मर मंगल ¨सह ने बताया कि सुबह 6:30 बजे रेल लाइन के पास घूम रहे बाघ ने पहले कुत्ते पर हमले का प्रयास किया था। उन्होंने बताया कि हाल्ट से 50 कदम दूरी पर आवारा घूम रहे बछड़े पर बाघ हमला कर झाड़ियों में खींच ले गया। सूचना पाकर भैरव कलां वन चौकी इंचार्ज नत्थूलाल मौके पर पहुंचे और अपने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

------------------- शारदा डैम में चर रहे बैल को बाघ ने बनाया निवाला पीलीभीत : शारदा सागर डैम में चर रहे मवेशियों पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले की चपेट में आने से बैल की मौत हो गई। बाघ के हमले की सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने बाघ को तलाशने की काफी कोशिश की लेकिन सुरागरसी में कामयाब नहीं हो सके। डैम में खड़ी बड़ी-बड़ी झाड़ियों से होकर बाघ निकल गया।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के रमनगरा सहित आधा दर्जन गांवों में इन दिनों बाघ की दहशत चारों ओर फैली हुई है। बुधवार को रमनगरा निवासी दिलीप ¨सह रोज की तरह अपने मवेशियों को डैम के पास चरा रहे थे। अपराहन करीब 2 बजे झाड़ियों से निकले बाघ ने ग्रामीण के बैल पर हमला कर दिया।बाघ के हमले के बाद दिलीप ¨सह के चीखने चलाने पर मौके पर दर्जनों लोग जमा हो गए। हमला करने के बाद बाघ झाड़ियों में छुप गया। सूचना पर पहुंचे बराही रेंज के वनकर्मियों ने बाघ को खोजने की काफी कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। एक सप्ताह पूर्व बाघ ने महाराजपुर निवासी प्रेम सरदार के बैल पर भी हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। बाघ को पकड़ने को लेकर वनकर्मियों ने महाराजपुर के कंपार्टमेंट नंबर 3 में ¨पजरा भी लगा रखा है, लेकिन बाघ हर बार चकमा देकर निकल जाता है। बाघ के लगातार हमलों से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ अभी तो मवेशियों पर ही हमला कर रहा है पता नहीं ग्रामीणों को कब अपना निवाला बना ले। इंसेट-

बाढ़ के बाद अब बाघ बना आफत

शारदा किनारे बसे गांव अक्सर परेशानियों में ही घिरे रहते हैं। पिछले दो माह से ग्रामीण बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। अभी ग्रामीण बाढ़ की समस्या से पूरी तरह उभर नहीं पाए थे कि अब बाघ आफत बनकर उनके इर्द-गिर्द मंडराने लगा है। रमनगरा से बाइफरकेशन जाने वाली मार्ग व एसएसबी कैंप के पास अक्सर बाघ देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।


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