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टाह गांव के आसपास बाघ की दहशत

शहर के बनकटी रोड स्थित गांव टाह के आसपास बाध की दहशत अभी भी कायम है। दूसरे दिन भी वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया लेकिन अभी तक बाघ के पगचिन्ह नहीं मिले हैं। फिर भी वन विभाग ने ग्रामीणों को रात के समय खेतों पर नहीं जाने की सलाह दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:03 PM (IST)
टाह गांव के आसपास बाघ की दहशत
टाह गांव के आसपास बाघ की दहशत

पीलीभीत,जेएनएन : शहर के बनकटी रोड स्थित गांव टाह के आसपास बाध की दहशत अभी भी कायम है। दूसरे दिन भी वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया, लेकिन अभी तक बाघ के पगचिन्ह नहीं मिले हैं। फिर भी वन विभाग ने ग्रामीणों को रात के समय खेतों पर नहीं जाने की सलाह दी है।

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न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव टाह के पास सोमवार को टाइगर की चहलकदमी देखे जाने के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। मामले की सूचना मिलने पर डीएफओ सामाजिक वानिकी संजीव कुमार तथा अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच गन्ने के खेत में बेसहारा पशु के अवशेष मिलने से साफ हो गया कि बाघ ने ही उसे हमला कर मौत के घाट उतारा है। सोमवार की रात भी वन विभाग की टीम गन्ने के खेत के आसपास निगरानी करती रही। मंगलवार सुबह सामाजिक वानिकी के डिप्टी रेंजर रामदीन वन दरोगा शेर सिंह सुरेंद्र गौतम स्टाफ के साथ गन्ने के खेत के आसपास गश्त करते रहे। लेकिन टाइगर का कोई भी पग मार्क खेत की ओर से जंगल की ओर नहीं मिला। डीएफओ सामाजिक वानिकी संजीव कुमार और एसडीओ माला उमेश चंद्र राय ने टीम को गांव में रहने के आदेश जारी किए हैं। मंगलवार सुबह हुई बारिश से खेतों में काफी कीचड़ है जिससे पग मार्क नजर नहीं आ रहे हैं। एहतियातन गन्ने के खेत में तीन और खाबड़ लगा दी गई है।


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