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डेढ़ दशक में तीन गुना बाघ

डेढ़ दशक पहले यहां के जंगल में 20 बाघ थे जिनकी तादात बढ़कर अब 65 से अधिक हो चुकी है। जंगल को पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के बाद बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण संरक्षण एवं सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना माना जा रहा है। करीब डेढ़ दशक पहले तक जंगल में बाघ की गणना पगमार्क के आधार पर की जाती रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:17 PM (IST)
डेढ़ दशक में तीन गुना बाघ
डेढ़ दशक में तीन गुना बाघ

पीलीभीत,जेएनएन : डेढ़ दशक पहले यहां के जंगल में 20 बाघ थे, जिनकी तादात बढ़कर अब 65 से अधिक हो चुकी है। जंगल को पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के बाद बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण संरक्षण एवं सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना माना जा रहा है। करीब डेढ़ दशक पहले तक जंगल में बाघ की गणना पगमार्क के आधार पर की जाती रही है। वर्ष 2010 के आसपास बाघ संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था विश्व प्रकृति निधि की ओर से वन विभाग को नई टेक्नालॉजी के सेंसर वाले ट्रैस कैमरे उपलब्ध करा दिए गए। इसके बाद बाघ की गणना का कार्य आसान और ज्यादा विश्वसनीय हो गया। वर्ष 2014 में टाइगर रिजर्व बनने के बाद बाघों की सुरक्षा और संरक्षण बढ़ने का परिणाम यह निकला कि तब से बाघों की संख्या 30 से बढ़ती गई। बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन के आधार पर वर्ष 2018 में गणना हुई, इसके परिणाम वर्ष 2019 में घोषित किए गए। तब स्पष्ट हुआ कि जंगल में 65 से अधिक बाघ हो गए हैं। इनसेट

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दूसरे स्थानों पर भी भेजे गए बाघ

- 2 अप्रैल 2014 में एक बाघ को पूरनपुर क्षेत्र में गढ़वाखेड़ा पुल के पास से रेस्क्यू कर कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया

- 23 नवंबर,2016 में एक बाघ को महोफ रेंज के मालपुर से पकड़कर लखनऊ चिडि़याघर भेजा गया

- 11 फरवरी 2017 में एक बाघ माला रेंज के सुखदासपुर नवादिया से पकड़कर कर्तनियाघाट के जंगल में छोड़ा गया

5 फरवरी 2018 में बाघ माला रेंज के निकट ग्राम विधिपुरा से पकड़कर दुधवा के बोराया रेंज में छोड़ा गया

5 मार्च 2018 को एक बाघिन को बराही रेंज के पास से पकड़कर लखनऊ चिडि़याघर भेजी गई

11 मई 2019 को पीलीभीत रेंज स्थित ग्राम खजुरिया पचपेड़ा से एक बाघिन को पकड़कर लखनऊ चिडि़या घर भेजा गया

3अप्रैल 2020 को एक बाघ को माला रेंज से रेस्क्यू कर कानपुर चिडि़याघर भेजा गया

9 जून 2020 को एक बाघिन को माला रेंज के अंदर से रेस्क्यू कर कानपुर चिडि़याघर भेज दिया गया इनसेट

वर्ष 2012 से अब तक 20 तक इन बाघों की हुई मौत वर्ष-2012-13 में तीन वर्ष 2014 में एक

वर्ष 2015 में एक,

वर्ष 2016 में एक

वर्ष 2017 में दो शावक

वर्ष 2018 में तीन

वर्ष 2019 में तीन

वर्ष 2020 में चार फैक्ट फाइल - टाइगर रिजर्व के जंगल की कुल लंबाई 60 किमी व चौड़ाई 15 किमी - पांच रेंज- माला, महोफ, हरीपुर, बराही व दियोरिया

- पांचों रेंजों में बाघों की संख्या 65 से अधिक


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