आतंक का तीसरा दिनः नेपाली हाथियों ने रौंदी भारतीय किसानों की फसल
इंडो-नेपाल सीमा से सटी गोरख डिब्बी की थारु बस्ती में इन दिनों नेपाली हाथियों का झुंड आतंक का पर्याय बना हुआ है।
पीलीभीत (जेएनएन)। इंडो-नेपाल सीमा से सटी गोरख डिब्बी की थारु बस्ती में इन दिनों नेपाली हाथियों का झुंड आतंक का पर्याय बना हुआ है। पूरनपुर और आसपास के इलाके में नेपाली हाथियों का तीन दिन से आतंक है। हाथियों ने थारू बस्ती के आधा दर्जन किसानों की 10 एकड़ धान की फसल तहस-नहस कर दी। एकजुट हुए ग्रामीणों ने पटाखे छुड़ाकर व शोर शराबा कर हाथियों को बमुश्किल भगाया। सूचना पर भी वन विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे।
हाथियों का झुंड पिछले तीन दिनों से लगातार थारू बस्ती के दर्जनों किसानों की धान की फसल रौंद चुके हैं। शुक्रवार रात नेपाली हाथियों ने गांव के ही चेनकलाल राना, जंगी राना, कल्लू राना, लक्ष्मण राना, राधेश्याम सहित आधा दर्जन किसानों की 10 एकड़ धान की फसल तहस-नहस कर दी। भनक लगने पर एकजुट हुए ग्रामीणों ने पटाखे छुड़ाकर व शोर शराबा कर बमुश्किल हाथियों के झुंड को खेतों से भगाया। हाथियों से फसल बचाने को लेकर ग्रामीण रातों में जागने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने मामले की सूचना लग्गा बग्गा वन चौकी के वन कर्मियों को दी। सूचना के बाद भी कोई भी वन कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि नेपाली हाथी यदि इसी प्रकार उनकी फसल रौंदते रहे तो उनके आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। एक दिन पूर्व हाथियों के झुंड ने गांव के ही बलराम, कालूराम, सानू, नंदलाल राधे सहित नौ किसानों की 15 एकड़ फसल नष्ट कर दी थी।
जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण
नेपाली हाथियों के झुंड से फसल बचाने को लेकर ग्रामीण अब सतर्क हो चुके हैं। गांव के कई किसान जान जोखिम में डालकर फसल की रखवाली कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक नेपाली हाथी काफी खतरनाक हैं। रखवाली के दौरान तनिक भी चूक होने पर जान भी जा सकती है। हाथियों के झुंड को भगाने के लिए ग्रामीण पटाखों का इस्तेमाल कर रहे हैं। नेपाल व लग्गा बग्गा के वनकर्मी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
पिछले वर्ष भी मचा चुके तबाही
नेपाली हाथियों द्वारा भारत में घुसकर तबाही मचाने की यह कोई नई घटना नहीं है। पिछले वर्ष भी नेपाली हाथियों ने गोरख डिब्बी निवासी छोटेलाल व सेवाराम का घर उजाड़ दिया था। इसके अलावा गोरख डिब्बी नंबर 4 में विनोद मंडल, भवानी राय, संतोष दास, सुधीर मंडल, बिधूना बछाड़ सहित कई लोगों के घर तोड़कर फसलें बर्बाद की थी।