कोहरे भरी रात में वाहन चलाने में बरतें सावधानी
धुंध और कोहरे से भरी रात में वाहन चलाने के दौरान अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है।
पीलीभीत : धुंध और कोहरे से भरी रात में वाहन चलाने के दौरान अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता होती है। सड़क किनारे अगर कोई बंद ट्रक अथवा अन्य भारी वाहन खड़ा है तो कोहरे के कारण व दूर से नहीं दिख पाता। ऐसे में खड़े वाहन में पीछे से टक्कर हो सकती है। सबसे बेहतर तो यही रहेगी कि रात के समय कोहरा है तो वाहन को सीमित गति पर चलाएं, जिससे अचानक सामने कोई अवरोध दिए तो वाहन को आसानी से नियंत्रित किया जा सके। कोहरा भरी रातों के दौरान वाहन चलाने में सावधानी बरतना ही सुरक्षा है। जरा सी असावधानी से हादसा हो सकता है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अमिताभ राय के अनुसार अगर कोहरे के दौरान रात में किसी हाईवे पर वाहन चला रहे हैं तो सदैव इतना ध्यान रखें कि अपनी साइड को कतई न छोड़ें। वाहन की गति 40 किमी प्रति घंटा के अधिक नहीं रहनी चाहिए। हाईवे पर अक्सर लंबी दूरी तय करने वाले ट्रक सड़क किनारे बंद करके खड़े कर दिए जाते हैं। अपनी साइड में वाहन चला रहे हैं लेकिन उस साइड में भी कोई बंद ट्रक या अन्य भारी वाहन खड़ा हो सकता है। गति सीमित है तो निकट पहुंचते ही खड़े वाहन पर निगाह पड़ेगी, तब अपने वाहन को वहां से सुरक्षित निकाल सकते हैं। इसके अलावा हाईवे पर कई मोड़ भी हो सकते हैं। इसके लिए संकेतक लगे रहते हैं। जरूरत उन्हें देखने की होती है। संकेतक को कभी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। वे लगाए ही इसलिए जाते हैं कि जिससे वाहन चालक सचेत हो सकें। अगर कोहरा की रात में शहर के अंदरूनी मार्गों पर वाहन चला रहे हैं तो भी सावधानी बरतना अपेक्षित होता है। यहां भी वाहन को तेज गति से दौड़ाना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में धीरे चलें। अगर कहीं जल्दी पहुंचना है तो घर से देर से न चलें बल्कि जल्दी निकलने का प्रयास करें। घर से देर से निकले हैं तो फिर आराम से वाहन चलाते हुए जाएं। किसी तरह की जल्दबाजी न करें। यह सही है कि ट्रक या ट्राला में सरिया लादने पर उसका काफी हिस्सा वाहन में पीछे की ओर निकला रहता है। सर्दी बढ़ने के साथ ही कोहरा भी आने वाला है। ऐसे में सरिया लगे वाहन समस्या न बने, इसके लिए अभियान चलाकर वाहन चालकों को इस बात के लिए जागरूक किया जाएगा कि वे सरिया लादकर चलें तो फिर वाहन के पीछे ऐसा संकेतक अवश्य लगाएं, जिससे पीछे आ रहे वाहन को स्पष्ट दिख जाए।
-आलोक कुमार मिश्र, टीएसआइ