पीटीआर में जल्द दौड़ेगी रेस्क्यू एंबुलेंस बस
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जल्द ही रेस्क्यू बस सेवा की सुविधा मुहैया होगी।
देवेंद्र देवा, पीलीभीत : टाइगर रिजर्व में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर चितित रहने वाले वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। आमतौर पर संघर्ष की घटनाओं के दौरान घायल वन्यजीव को फौरी तौर पर उपचार नहीं मिलने के कारण मौत का शिकार होना पड़ जाता है, लेकिन अब शायद ऐसा नहीं होगा। टाइगर रिजर्व प्रशासन ने घायल वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू एंबुलेंस बस की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। अगर कोई वन्यजीव घायल होता है तो यह एंबुलेंस बगैर देर किए मौके पर पहुंचकर उसे समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी। जाहिर है कि प्राथमिक उपचार से ही तमाम वन्यजीव अकाल मौत से बचाए जा सकेंगे।
वर्ष 2014 में टाइगर रिजर्व बनने के बाद वन्यजीवों के संरक्षण के लिए तमाम तरह की कवायद की गई है। जिसके फलस्वरूप यहां के जंगल में बाघ तथा तेंदुआ जैसे वन्यजीवों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बाघ, तेंदुआ समेत दूसरे वन्यजीवों की संख्या वृद्धि के साथ ही उनके जंगल से बाहर आने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यही वजह है कि मानव बाघ संघर्ष की घटनाओं में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। हालांकि मानव बाघ संघर्ष की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाए जाते रहे हैं। जिस कारण ऐसे मामलों में कमी भी आने लगी है। वहीं टाइगर रिजर्व के जंगल में रेस्क्यू के संसाधन बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। जिसके तहत टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से कई माह पहले रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ पंद्रह लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया गया था। इसी क्रम में शासन से प्राप्त बजट की धनराशि खर्च करके रेस्क्यू एंबुलेंस बस की व्यवस्था की जा रही है। टाइगर रिजर्व प्रशासन रेस्क्यू एंबुलेंस बस के लिए दिल्ली से एक वाहन खरीद रहा है। जिसे एंबुलेंस बस का रूप दिया जाएगा। रेस्क्यू संबंधी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे कहीं भी किसी वन्यजीव के जंगल से बाहर खेतों-आबादी की ओर आ जाने पर तुरंत रेस्क्यू एंबुलेंस बस घटना स्थल की ओर दौड़ेगी। एंबुलेंस बस में प्रशिक्षित स्टाफ को तैनात किया जाएगा। डॉक्टर की तैनाती जरूरी
टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू एंबुलेंस बस की व्यवस्था करने की कवायद वक्त की खास जरूरत है. वहीं डॉक्टर की अभी तक तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में टाइगर रिजर्व प्रशासन को पशु चिकित्सक बाहर से ही बुलाने पड़ते हैं।
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टाइगर रिजर्व में रेस्क्यू एंबुलेंस बस की व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्तावित एंबुलेंस में रेस्क्यू के सभी संसाधन उपलब्ध होंगे। दूसरे स्थानों से संसाधन जुटाने में जो समय खर्च होता था, उससे बचा जा सकेगा। अगर कोई वन्यजीव आबादी क्षेत्र में पहुंचता है तो सूचना मिलते ही रेस्क्यू एंबुलेंस को मौके पर रवाना किया जा सकेगा। एंबुलेंस की व्यवस्था पर दस लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
- एच. राजामोहन, फील्ड डायरेक्टर पीलीभीत टाइगर रिजर्व