सोने की तेजी के साथ ग्राहकों में बढ़ी समझदारी
सोना लगातार तेजी पकड़े हुए है। अब की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी इस पीली धातु के प्रति लोगों के आकर्षण में फिर भी कोई कमी नहीं आई है बल्कि दाम बढ़ने की वजह से निवेश के तौर पर इसे सबसे अच्छा और सुरक्षित माना जा रहा है। अब सरकार की ओर से गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग की अनिवार्यता भी लागू की जा रही है। वैसे यहां कई ऐसे प्रतिष्ठान हैं जो ग्राहकों को वर्षो से हॉलमार्किंग ज्वैलरी उपलब्ध करा रहे हैं। ग्राहकों का भी रुझान हॉलमार्क सोना खरीदने पर ज्यादा रहने लगा है।
पीलीभीत,जेएनएन : सोना लगातार तेजी पकड़े हुए है। अब की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी इस पीली धातु के प्रति लोगों के आकर्षण में फिर भी कोई कमी नहीं आई है बल्कि दाम बढ़ने की वजह से निवेश के तौर पर इसे सबसे अच्छा और सुरक्षित माना जा रहा है। अब सरकार की ओर से गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग की अनिवार्यता भी लागू की जा रही है। वैसे यहां कई ऐसे प्रतिष्ठान हैं, जो ग्राहकों को वर्षो से हॉलमार्किंग ज्वैलरी उपलब्ध करा रहे हैं। ग्राहकों का भी रुझान हॉलमार्क सोना खरीदने पर ज्यादा रहने लगा है।
सोने में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता पहले अगले साल 15 जनवरी से ही लागू होने वाली थी लेकिन सरकार ने अब इसे बढ़ाकर पहली जून से लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में सराफा के जिन कारोबारियों के पास बगैर हॉलमार्क सोने के आभूषण स्टाक में हैं, उन्हें बिक्री करने का ज्यादा समय मिल गया है। यह बात भी देखने में आ रही है कि खरीदने पर तो सोना काफी महंगा मिल रहा लेकिन ग्राहक जब अपने पुराने सोने के आभूषण बेचने सराफा की दुकान पर जाते हैं तो उन्हें दाम कम मिल पाता है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि खरीद-बिक्री का अंतर तो रहेगा ही। क्योंकि जेवरात में जो कांटा लगा है, उसकी कटौती दुकानदार जरूर करेगा। बेचने वाले को रेट तो वहीं मिलेगा, जो खरीदने पर लिया जाता है लेकिन उन जेवरातों में जितने वजन का शुद्ध सोना होगा, उसका मिलेगा। कारोबारियों का कहना है कि इस समय सहालग नहीं चल रहीं। इस कारण बिक्री में गिरावट जरूर है लेकिन निवेश के तौर पर सोना खरीदने वालों की कमी नहीं आई है। क्योंकि लंबे समय तक निवेश से उन्हें काफी फायदा मिलता है। दाम के साथ सोने की वैल्यू भी बढ़ रही है। लोग अपनी बचत का पैसा सोने खरीदने में निवेश कर रहे हैं। हमारे यहां तो पिछले सात साल से सिर्फ हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी ही बेची जा रही है। जिन कारोबारियों के पास बगैर हॉलमार्क ज्वैलरी स्टाक में है, उन्हें सरकारी की नई घोषणा से उसकी बिक्री के लिए अच्छा खासा समय मिल गया है।
प्रतीक अग्रवाल, माडर्न ज्वैलर्स चौक बाजार सोना लगातार महंगा होने का असर यह पड़ रहा है कि लोग कम वजन के आभूषण की मांग करने लगे हैं। जहां तक हॉलमार्क ज्वैलरी की बिक्री की अनिवार्यता लागू होने की बात है तो सरकार की घोषणा से कारोबारियों को राहत मिली है। यह अनिवार्यता पहले 15 जनवरी से ही लागू होने वाली थी, जिसे सरकार की ओर से अब पहली जून से लागू किया जाएगा।
-सजल अग्रवाल, गहना ज्वैलर्स जेपी रोड