छल से सीता का हरण कर ले गया रावण
नगर में चल रहे ऐतिहासिक रामलीला मेला में सीता हरण एवं जटायु वध लीला सुंदर मंचन किया गया। हजारों मेलार्थियों ने लीला का आनंद लिया।
संस, बीसलपुर (पीलीभीत) : नगर में चल रहे ऐतिहासिक रामलीला मेला में सीता हरण एवं जटायु वध लीला सुंदर मंचन किया गया। हजारों मेलार्थियों ने लीला का आनंद लिया।
मेला ग्राउंड में चार बजे लीला मंचन का आरम्भ होता है। रावण की बहन सूर्पणखा रोती हुई अपने भाई रावण के दरबार में पहुंचती है। रावण को अपने साथ घटी घटना का हाल सुनाती है। पंचवटी में दो राजकुमार आये है। उनके साथ एक सुंदर स्त्री है। उन्होंने ही मेरे नाक, कान काटकर यह दशा की है। बहन की व्यथा सुनकर रावण क्रोधित हो समुद्र के किनारे पहुंचकर मारीच को सोने का मृग बनाकर पंचवटी में भेजता है। सीता जी मृग को देखकर मोहित हो जाती है तथा राम जी से उसका चर्म लाने को कहती है। श्रीराम मृग का पीछा करते हुए जंगल में चले जाते है। मृग बाण लगते ही लखन-लखन कहते हुए पुकारता है। सीता जी राम के मदद के लिये लक्ष्मण को भेजती है। लक्ष्मण पंचवटी के चारों ओर लक्ष्मण रेखा खींचकर चले जाते है। रावण साधू का भेष धारण कर भिक्षा मांगने पंचवटी में आता है और छल से सीता का हरण कर आकाश मार्ग से जाता है। जटायु रावण से सीता को बचाने के लिये युद्ध करता है और पंख कट जाने पर घायल होकर गिर पड़ता है। राम-लक्ष्मण को वह रावण द्वारा सीता का हरण करने की बात बताते हुए अपने प्राण त्याग देता है। दोनों भाई जटायु का अंतिम संस्कार करते है। यही पर आज की लीला का समापन होता है। मेला कमेटी के पदाधिकारियों के मेला कैंप में हुई बैठक में मेले की सुरक्षा व्यवस्था व व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। बैठक में व्यवस्थापक सुरेश चन्द्र अग्रवाल, अध्यक्ष गंगाधर दुबे, प्रबंधक विष्णु कुमार गोयल, कोषाध्यक्ष रामबहादुर गुप्ता, विपिन कुमार पांडेय, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, अभय मित्तल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, मोहित मित्तल कमेटी के सदस्य शामिल थे।