पीलीभीत में इस बार चुनावी परिदृश्य से दूर वरुण-मेनका, प्रत्याशी दे रहे भावनात्मक रिश्ते की दुहाई; दिलचस्पी की ओर बढ़ रहा चुनाव
पीलीभीत के मैदान में 10 उम्मीदवार हैं लेकिन चुनाव प्रचार के मैदान में भाजपा सपा और बसपा उम्मीदवार ही सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। तीनों राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपने संबोधनों में एक दूसरे पर सियासी तीर चला रहे हैं। इसके साथ ही तराईवासियों से भावनात्मक रिश्ता होने की दुहाई दे रहे हैं। कुलमिलाकर पीलीभीत लोकसभा सीट का चुनाव अब तेजी से दिलचस्पी की ओर बढ़ रहा है।
देवेंद्र देवा, पीलीभीत। पीलीभीत संसदीय सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। इसके लिए चुनाव प्रचार पूरी तरह परवान चढ़ चुका है। वैसे तो मैदान में 10 उम्मीदवार हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के मैदान में भाजपा, सपा और बसपा उम्मीदवार ही सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। तीनों राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपने संबोधनों में एक दूसरे पर सियासी तीर चला रहे हैं। इसके साथ ही तराईवासियों से भावनात्मक रिश्ता होने की दुहाई दे रहे हैं। कुलमिलाकर पीलीभीत लोकसभा सीट का चुनाव अब तेजी से दिलचस्पी की ओर बढ़ रहा है।
पीलीभीत लोकसभा सीट पर विगत साढ़े तीन दशक से पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी और उनके पुत्र सांसद वरुण गांधी का वर्चस्व रहा है। इस कारण यह लोकसभा सीट को गांधी परिवार की परपंरागत सीट भी माना जाता रहा है, लेकिन इस बार के चुनावी परिदृश्य से गांधी परिवार दूर है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद को दिया है।
भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशी ही दिख रहे सक्रिय
वहीं, समाजवादी पार्टी ने बरेली के नबावगंज विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार और बहुजन समाज पार्टी ने बीसलपुर निवासी पूर्व मंत्री अनीस अहमद फूल बाबू को प्रत्याशी बनाया है। पीलीभीत लोकसभा सीट पर यूं तो 10 उम्मीदवार चुनावी समर में ताल ठोंक रहे हैं, संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार के मामले में भाजपा, सपा और बसपा ही सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।
भावनात्मक रिश्ते की दुहाई
जैसे-जैसे मतदान का समय नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे तीनों प्रमुख उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में भी तेजी आ रही है। तीनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी मतदाताओं के बीच अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए एक दूसरे दलों की नीतियों पर भी निशाना साध रहे हैं। साथ ही तराई के लोगों से भावनात्मक रिश्ता होने की भी दुहाई दे रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद अपने संबोधन में बगैर किसी औपचारिकता के मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करते हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों पर फोकस करते मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने पर जोर देते हुए एक एक वोट की ताकत का अहसास भी कराते हैं।
भाजपा प्रत्याशी अपने भाषण में विकास और कानून व्यवस्था पर भी बात रखते हैं। इसके अलावा वह यह जरूर कहते हैं कि पीलीभीत के लोगों से प्रसाद परिवार का रिश्ता बहुत पुराना है। पीलीभीत के लोगों ने उनके परिवार को सदैव सम्मान दिया है। इस रिश्ते की वजह से उन्होंने पीलीभीत जनपद को अपने विभाग से संबंधित कई प्रमुख परियोजनाओं का लाभ देने का कार्य किया है।
सपा प्रत्याशी गिरना रहे भाजपा सरकार की खामियां
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भगवत सरन गंगवार अपने खास अंदाज में मतदाताओं के बीच भाजपा सरकार की खामियों को रखते हैं। साथ ही वह भाजपा पर झूठे वादे करने का आरोप भी प्रमुखता से रखते हैं। सपा उम्मीदवार खुद को स्थानीय होने की बात कहकर पीलीभीत जनपद से अपने घर की दूरी का हवाला भी देते हैं। इतना ही नहीं सपा उम्मीदवार खुद को किसान का बेटा और भाजपा प्रत्याशी को राजा का पुत्र बताते हुए तराई के लोगों से अपनी रिश्तेदारियां होने की कहकर भावनात्मक तौर पर जुड़ने का प्रयास करते हैं।
मायावती के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था पर फोकस
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अनीस अहमद खां फूल बाबू अपने भाषण में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था और विकास की उपलब्धियों पर फोकस रखते हैं। साथ ही वह स्वयं को इकलौता स्थानीय उम्मीदवार बताते हुए मतदाताओं से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश करते हैं। फिलहाल यह तो तीनों प्रत्याशियों को प्राप्त मतों की गिनती से ही स्पष्ट होगा कि भाषण से स्थानीय मतदाता कितने प्रभावित हुए।
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