पर्यटकों के लिए तैयार हो रहा चूका बीच
खूबसूरत जंगल। भीतर पेड़ों, वनस्पतियों से घिरी अथाह जल खूबसूरत जंगल। भीतर पेड़ों, वनस्पतियों से घिरी अथाह जल समेटे झील। यह दृश्य हैं पीलीभीत का चूका बीच।
पीलीभीत : खूबसूरत जंगल। भीतर पेड़ों, वनस्पतियों से घिरी अथाह जल समेटे झील। यह दृश्य हैं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के ईको पर्यटन केंद्र चूका बीच के। दिल को छू जाने वाले और मन को भा जाने वाले यह नजारे 15 नवंबर से पर्यटकों के स्वागत को आतुर हैं। नए पर्यटन सीजन के लिए वन विभाग की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
टाइगर रिजर्व खुद में आकर्षण और उत्सुकता का केंद्र है। भीतर वन्यजीव और साल, बेंत, चीड़ के पेड़ बरबस ही ध्यान खींचते हैं। रिजर्व फॉरेस्ट घोषित होने के बाद इस वर्ष यह पांचवां पर्यटन सीजन है।
लुभाएंगी नई सजावट वाली हट
जंगल के भीतर चूका बीच में पर्यटकों के लिए थारू हट, ट्री हट, वॉटर हट बनी हैं। इन हट की मरम्मत के साथ नई साज-सज्जा व रंगरोगन के साथ तैयार किया जा रहा है।
वन निगम को पर्यटन की जिम्मेदारी
टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद रिजर्व प्रशासन पर्यटन की जिम्मेदारी संभालता था। शासन ने 2017 में इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश वन निगम को सौंप दी थी। भीतर आवासीय सुविधा, भोजन से लेकर ऑनलाइन बुकिंग तक का काम निगम संभाल रहा है। केवल ऑनलाइन बुकिंग से मिलेंगी हट
ईको पर्यटन केंद्र के भीतर चूकाबीच, सप्त सरोवर, बाईफरकेशन, हनुमान मंदिर प्रमुख स्थल हैं। पर्यटकों को भ्रमण के लिए ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी। बिना बुकिंग के हट में पर्यटक नहीं ठहर पाएंगे। चूका बीच पीलीभीत मुख्यालय से 47 किलोमीटर की दूरी पर महोफ वन रेंज में स्थित है। पीलीभीत दिल्ली, लखनऊ, मेरठ, आगरा आदि सभी प्रमुख शहरों से रोडवेज बस से सीधे जुड़ा है। बीच तक जंगल की सफारी जीप से पहुंचा जा सकता है। निजी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। यह होंगी हट के किराये की दरें
थारू हट : 2200 रुपये
ट्री हट : 2500 रुपये
वाटर हट : 3000 रुपये
जंगल सफारी जीप : 3540 रुपये बीते सीजन में आए थे 14887 पर्यटक
वर्ष 2017-18 के पिछले सीजन में 14887 पर्यटकों ने चूका बीच का आनंद उठाया था। इनमें 16 विदेशी मेहमान भी थे। हालांकि हट केवल 117 ही बुक हुई थीं। सीजन में 32 लाख 6938 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वर्जन..
पर्यटन सीजन 15 नवंबर से शुरू होगा। टूरिस्ट हट की साफ-सफाई व रंगरोगन का काम अंतिम चरण में है। इस बार पर्यटकों को बेहतर अनुभव और अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। बेहतर पर्यटन से जनपद का नाम रोशन होगा।
-अतुल अस्थाना, डीएलएम, उत्तर प्रदेश वन निगम