तराई की सरजमीं पर तेजी से बढ़ रही वोटों की फसल
मंगलवार को हुए मतदान में 67.20 फीसद वोट डाले गए हैं।
जेएनएन, पीलीभीत: तराई का यह इलाका यूं तो कई मामलों में पिछड़ा हुआ है। मसलन स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं की हालत अच्छी नहीं है। इसके बाद भी यहां के लोगों में राष्ट्रहित की भावना सर्वोपरि है। लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव के तौर पर लोकसभा चुनाव के मतदान की तुलनात्मक स्थिति से यही जाहिर होता है। यहां मतदान प्रतिशत रफ्तार पकड़ता रहा है।
मंगलवार को हुए मतदान में 67.20 फीसद वोट डाले गए हैं। यह आंकड़ा तीसरे चरण के तहत दस लोकसभा सीटों पर हुए मतदान में सबसे अव्वल रहा है। इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 59 हजार 223 है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 62.86 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस वक्त कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 71 हजार 151 थी। जिसमें दस लाख 50 हजार 547 वोट डाले गए थे। इसी तरह वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में 63.93 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। उस वक्त कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 10 हजार सात थी। जिसमें आठ लाख 37 हजार 494 वोट पड़े थे। जबकि 83 पोस्टल वोट थे। इस तरह कुल आठ लाख 37 हजार पांच सौ 77 वोट पड़े थे। इस चुनाव में सर्वाधिक वोट पीलीभीत शहर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 75 हजार 552 वोट पड़े थे, जबकि बरखेड़ा में एक लाख 63 हजार 122, पूरनपुर में एक लाख 74 हजार 545, बीसलपुर में एक लाख 70 हजार 947 तथा बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 53 हजार 328 वोट पड़े थे।
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में 52.67 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस समय कुल मतदाताओं की संख्या 12 लाख 85 हजार 919 थी। जिसमें छह लाख 77 हजार 108 वोट डाले गए थे।