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शारदा ने तरेरी आंखें, तटवर्ती गांवों में दहशत

शारदा में उफान आने से पानी राहुलनगर गांव के कुछ हिस्से तक पहुंच गया है। हजारा क्षेत्र के कई पक्के मार्गों पर पानी बह रहा है। नलडेंगा और राहुलनगर में आंशिक रूप से कटान हो रही है। राहुलनगर में पानी आ जाने से ग्रामीण भयभीत हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 10:15 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 10:15 PM (IST)
शारदा ने तरेरी आंखें, तटवर्ती गांवों में दहशत
शारदा ने तरेरी आंखें, तटवर्ती गांवों में दहशत

जेएनएन, पीलीभीत: शारदा में उफान आने से पानी राहुलनगर गांव के कुछ हिस्से तक पहुंच गया है। हजारा क्षेत्र के कई पक्के मार्गों पर पानी बह रहा है। नलडेंगा और राहुलनगर में आंशिक रूप से कटान हो रही है। राहुलनगर में पानी आ जाने से ग्रामीण भयभीत हैं। रामनगर से चंद्रनगर जाने वाले मार्ग पर सुतिया नाले पर बने रपटा पुल में होल हो जाने से वह जर्जर हाल में पहुंच गया है। इसके चलते वहां कभी भी हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। नदी का पानी अभी भी निचले खेतों में भरा हुआ है।

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मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से शारदा नदी में पानी बढ़ गया है। पिछले कई दिनों से नदी उफान पर है। नदी किनारे जमीन को कटान से बचाने के लिए बनाए गए स्पर पानी में डूब गए हैं। दो दिन पहले ही राहुलनगर के निचले रास्तों के अलावा खेतों में पानी भर गया था जो अभी तक कम नहीं हुआ है। बनवसा बैराज से नदी में पानी छोड़े जाने से उफान आ गया है। शुक्रवार को राहुलनगर के कुछ हिस्सों के साथ चंदिया हजारा से राहुलनगर और राहुलनगर से खिरिकया बरगदिया जाने वाले मार्ग पर भर गया है। हजारा क्षेत्र में राणाप्रतापनगर से नहरोसा, सिद्धनगर से भुरजनियां जाने वाले पक्के मार्ग पर भी पानी चल रहा है। रामनगर से चंद्रनगर को जाने वाले पक्के रास्ते पर सुतिया नाले पर बने रपटा पुल पर भी पानी चल रहा है। क्षतिग्रस्त हो चुके पुल में पानी की वजह से होल बन गया है। इससे पुल किसी भी समय बाढ़ की भेंट चढ़ सकता है। पुल ध्वस्त होने से कई गांवों के लोगों का संपर्क कट जाएगा।

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राहुलनगर पर मंडराने लगा खतरा

संस, पूरनपुर: जिला पंचायत सदस्य मंजीत सिंह शुक्रवार को राहुलनगर पहुंचे। उन्होंने बताया कि नदी में पानी बढ़ने से राहुलनगर को खतरा पैदा हो गया है। पानी कॉलोनी नंबर छह और राहुलनगर के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। रास्ते डूब गए हैं। अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। इससे ग्रामीण दहशत में है। नदी अब तक तीस एकड़ के करीब जमीन काट चुकी है।


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