तीन बाघों के विचरण से गांवों में दहशत
अब न्यूरिया क्षेत्र के गांव शिवपुरिया में बाघ की आमद हो गई है इससे पहले कलीनगर तहसील क्षेत्र में डगा और अमरिया क्षेत्र में घूमने वाला बाघ शहर के निकट खेतों तक दस्तक दे चुका है। ग्रामीणों में बाघ की दहशत है।
पीलीभीत : अब न्यूरिया क्षेत्र के गांव शिवपुरिया में बाघ की आमद हो गई है, इससे पहले कलीनगर तहसील क्षेत्र में डगा और अमरिया क्षेत्र में घूमने वाला बाघ शहर के निकट खेतों तक दस्तक दे चुका है। ग्रामीणों में बाघ की दहशत है। इस समय तीन बाघों का अगल-अलग क्षेत्रों में विचरण हो रहा है। वन विभाग की टीमें लगाई जा चुकी हैं।
शनिवार की शिवपुरिया गांव में शंकर लाल के गेहूं के खेत में एक बाघ आ गया। बाघ ने वहां घूम रहे एक सांड़ को दबोच लिया और उसे घसीटकर निकट के गन्ना के खेत में ले जाकर शिकार किया। सुबह जब ग्रामीणों ने सांड़ का अधखाया शव पड़ा देखा तो खेत से उल्टे पैरों वापस हो लिए। वन विभाग को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गेहूं के खेत में बाघ के पगमार्क ट्रेस किए। आशंका है कि बाघ अभी आसपास ही किसी गन्ने के खेत में छिपा है। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अमरिया व कलीनगर के डगा क्षेत्र में भी बाघ की दहशत है। कई बाघ जंगल से बाहर घूम रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे गन्ने की कटाई में समस्या आ रही है। साथ ही बाघ के कारण गांव की आबादी को भी खतरा बना हुआ है। हालांकि अभी तक इनमें से किसी बाघ ने आबादी की ओर अपना रुख नहीं किया है। दरअसल शिकार की तलाश में जंगल से बाहर निकलने वाले बाघ को गन्ने के खेतों में सुरक्षित ठिकाना मिल जाता है। बाघ कई दिनों तक गन्ना खेत में डेरा डाले रहते हैं।