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शकीला का साहस और डॉक्टरों की मेहनत बनी मिसाल

71 साल की शकीला उम्र के आखिरी पड़ाव पर बड़े उत्साहित होकर मक्का मदीना में उमरा करने गई थीं लेकिन जब लौटी तो कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गईं। जब उन्हें पहली बार पता चला तो वह दहशत में आ गई थी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बेटे के भी कोरोना संक्रमण होने से उन्हें सदमा पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 10:24 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 06:06 AM (IST)
शकीला का साहस और डॉक्टरों की मेहनत बनी मिसाल
शकीला का साहस और डॉक्टरों की मेहनत बनी मिसाल

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : 71 साल की शकीला उम्र के आखिरी पड़ाव पर बड़े उत्साहित होकर मक्का मदीना में उमरा करने गई थीं, लेकिन जब लौटी तो कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गईं। जब उन्हें पहली बार पता चला तो वह दहशत में आ गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बेटे के भी कोरोना संक्रमण होने से उन्हें सदमा पहुंचा। फिर वह पूरी शिद्दत और साहस के साथ कोरोना से लड़ती रहीं। करीब 20 दिनों तक यह संघर्ष चला। आखिरकार डॉक्टरों की मेहनत से शकीला ठीक होकर घर पहुंच गईं।

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जनपद में अमरिया क्षेत्र के हर्रायपुर निवासी शकीला का पहला केस पॉजिटिव पाने के बाद जिला प्रशासन के लिए चुनौती शुरू हो गई थी। कोरोना को कोई सटीक इलाज मौजूद न होने के बाबजूद जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने संक्रमित महिला को पूरी तरह स्वस्थ कर दिया है। खास बात यह है कि उम्र के जिस पड़ाव को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सबसे खतरनाक बताया जा रहा है, उस पड़ाव में 71 वर्ष की शकीला कोरोना से मुक्त हो सकी है। सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने इसका श्रेय महिला की जिजीविषा व स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों-कर्मियों को दिया। 19 मार्च को महिला को आइसोलेट किया गया। सीएमएस डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने डॉक्टरों की टीम बनाकर महिला का इलाज शुरू किया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के उपरांत फिजीशियन डॉ. रमाकांत सागर व ईएनटी सर्जन डॉ. अनिल कुमार मिश्र की देखरेख में लक्षणों के अनुसार आवश्यक दवाइयों के साथ उपचार जारी रखा गया। संक्रमित महिला की डाइट का भी विशेष ध्यान रखा गया। महिला को प्रतिदिन सुबह शाम दूध व सेव दिए गए जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई। शकीला को उपचार के दौरान भोजन में खिचड़ी दी जाती थी। महिला की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम ही थी लेकिन उपचार के दौरान क्लोरोक्वीन के साथ दी गईं अन्य आवश्यक दवाइयों से महिला के स्वास्थ्य में तीव्र रिकवरी देखने को मिली।

जाते समय हाथ जोड़ किया अभिवादन

बुधवार को आइसोलेशन वार्ड से निकलते समय शकीला कोरोना की जंग जीतकर खुश नजर आईं। उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ विक्ट्री साइन दिखाकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान शकीला ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। शकीला ने बताया कि इन बीस दिनों में अस्पताल के सभी लोगों ने हर स्तर पर सहयोग किया है जिस कारण आज मैं स्वस्थ हो पाई हूं। इनकी मेहनत का मिला फल

इलाज के दौरान मेडिकल स्टाफ डॉ. नितिन मलिक, डॉ. जगदीश, डॉ. जीएस त्रिपाठी, स्टाफ नर्स दीपा, कविता, कनक, प्रियंका ने नियमित तौर पर आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी की। महिला को डिस्चार्ज करते समय अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीएम चतुर्वेदी, डॉ. विजय बहादुर राम, डॉ. हरपाल सिंह, डॉ. अश्वनी गुप्ता, नगर चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह, आईडीएसपी सेल के अंकुर भटनागर समेत कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहने की सलाह

शकीला को घर जाने से पहले आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए। जिसमें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने व 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन शकीला से स्वास्थ्य प्रगति रिपोर्ट लेगा।


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