टाइगर रिजर्व में पर्यटन स्थलों पर नहीं रुक सकेंगे टूरिस्ट
अब देशभर के टाइगर रिजवरें में स्थित पर्यटन स्थलों पर टूरिस्ट रात्रि विश्राम नहीं कर सकेंगे। इससे देश-विदेश से जंगल में प्रवास के लिए आने वाले पयर्टकों को निराश होना पड़ेगा।
देवेंद्र देवा, पीलीभीत : अब देशभर के टाइगर रिजवरें में स्थित पर्यटन स्थलों पर टूरिस्ट रात्रि विश्राम नहीं कर सकेंगे। इससे देश-विदेश से जंगल में प्रवास के लिए आने वाले पयर्टकों को निराश होना पड़ेगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने जंगल के कोर एरिया में पर्यटकों के रात में ठहरने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। वजह, रात में जंगल में लाइट जलाने या मानवीय गतिविधियों से वन्यजीव असहज होते हैं। ऐसे में पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) प्रशासन ने भी प्रसिद्ध ईको टूरिज्म चूका स्पॉट पर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहीं विभिन्न तरह की हटों को वहा से हटवा पड़ेगा। हालाकि इसमें समय लगेगा।
दो दशक पहले विकसित कराया गया था चूका स्पॉट
अब से करीब दो दशक पहले जब पीलीभीत टाइगर रिजर्व बनने की कहीं कोई न चर्चा थी और न ही इसके लिए कोई प्रस्ताव तैयार हुआ था। उस दौर में यहा प्रभागीय वनाधिकारी रहे रमेश चंद्र पाडेय ने चूका स्पॉट को पिकनिक के लिए विकसित कराया था। दरअसल, घने जंगल के बीच शारदा सागर डैम होने के कारण यहा की प्राकृतिक सुंदरता देखते बनती है इसलिए इसे चुना गया। कई साल तक आम लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं थी। लिहाजा लखनऊ या बरेली से आने वाले विभागीय अधिकारी ही चूका स्पॉट की सैर किया करते थे। बाद में धीरे-धीरे वहा पर सुविधाएं बढ़ाई जाने लगीं तो पर्यटक भी पहुंचने लगे।
कोर एरिया होता है बाघों का वास स्थल
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का मानना है कि कोर एरिया बाघों का वास स्थल होता है। ऐसे में वहा पर पर्यटकों को ठहराया जाना अनुचित है। इसलिए एनटीसीए ने देश भर के सभी टाइगर रिजर्व को यह आदेश जारी कर दिया है कि कोर एरिया में पर्यटकों की ठहराने की व्यवस्था खत्म की जाए। इस बाबत अक्टूबर में पत्र जारी किया गया। पीटीआर प्रशासन ने एनटीसीए का आदेश मिलने के बाद चूका स्पॉट से सभी तरह की हटें खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब पर्यटक चूका स्पॉट की दिन में ही सैर कर सकेंगे।
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पर्यटकों को जगंल के पास ठहराने के तलाशे जा रहे विकल्प
पीटीआर प्रशासन चूका स्पॉट के स्थान पर पर्यटकों को जंगल के पास ठहराने की वैकल्पिक व्यवस्था तलाशने में जुट गया है। गेस्टहाउस बनाने को शारदा सागर डैम की तलहटी, हरीपुर रेंज के जंगल से सटे ढक्का चाट, चंदिया हजारा में झील के निकट तथा गोमती उद्गम स्थल के आसपास जमीन की तलाश की जा रही है। जिससे जंगल की सैर को बाहर से आने वाले पर्यटकों के ठहरने का इंतजाम हो सके। वैसे जंगल के आसपास महोफ व बराही रेंज के निकट होम स्टे के लिए तीन फार्महाउस मालिकों को पिछले दिनों अनुबंधित किया जा चुका है।
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सिर्फ पीटीआर ही नहीं बल्कि देश भर के सभी टाइगर रिजर्व में कोर एरिया में पर्यटकों को ठहराने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश एनपीसीए ने जारी कर दिया है। हालाकि, इसके लिए समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। एनटीसीए के आदेश का पालन करने के लिए चूका स्पॉट पर पर्यटकों के ठहरने के लिए हट की व्यवस्था खत्म करा दी जाएगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए गेस्टहाउस बनाने के लिए कई स्थानों पर जमीन देखी गई है।
डॉ. एच राजामोहन, फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर