Move to Jagran APP

सुंदरवन की तर्ज पर वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन को मंथन शुरू

सुंदरवन की तर्ज पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में प्रबंध किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 07:07 PM (IST)
सुंदरवन की तर्ज पर वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन को मंथन शुरू
सुंदरवन की तर्ज पर वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन को मंथन शुरू

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : पश्चिम बंगाल के सुंदरवन टाइगर रिजर्व की भांति पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन किए जाने को लेकर मंथन शुरू कर दिया गया है। सुंदरवन के सुरक्षा प्रबंधन का जायजा लेकर लौटे फील्ड डायरेक्टर ने दोनों डिवीजन के अधिकारियों के साथ बैठक कर अपने अनुभव साझा किए। लिहाजा टाइगर रिजर्व में मानव वन्यजीव संघर्ष पर लगाम कसने के लिए सुंदरवन की तर्ज पर सुरक्षा प्रबंध करने का निर्णय लिया गया है।

loksabha election banner

पीटीआर के फील्ड डायरेक्टर एच. राजामोहन के नेतृत्व में अफसरों की टीम गत दिनों सुंदरवन का भ्रमण करने गई थी। भ्रमण के दौरान वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था एवं मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के तौर तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। टीम ने वहां सुरक्षा प्रबंधों की जमीनी हकीकत परखी। गलत धारणा के कारण ही कुछ माह पूर्व दियोरिया रेंज के मटेहना गांव में एक बाघिन को ग्रामीणों ने लाठी- डंडे व धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना ने टाइगर प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। वहीं केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई। केंद्र सरकार ने टाइगर रिजर्व के सुरक्षा प्रबंधों को पश्चिम बंगाल के सुंदरवन की तर्ज पर किए जाने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले में केंद्र सरकार द्वारा संचालित एनटीसीए ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच राजा मोहन और माला रेंज की एसडीओ उमेश चंद्र राय का नाम पश्चिम बंगाल स्थित सुंदरवन टाइगर रिजर्व में होने वाली कार्यशाला के लिए चयनित किया। दोनों अधिकारी सुंदरवन का भ्रमण कर लौट आए हैं। कार्यशाला में आबादी की ओर आने वाले जंगल की सीमा पर किस तरह के उपकरण लगाए जाएं और कैसे वन्यजीव को जंगल से बाहर आने से रोका जा। नेट के बुने बड़े-बड़े रस्सी के जाल लगाए जाएंगे।

सुंदरवन की सुरक्षा व्यवस्था से रूबरू कराया

पश्चिम बंगाल स्थित सुंदरवन से वापसी के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच राजा मोहन और एसडीओ माला उमेश चंद्र राय ने दोनों डिवीजन के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त बैठक की। दोनों अधिकारियों ने सुंदरवन का अनुभव सुरक्षा व्यवस्था पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ साझा किया। सुंदरवन के कुछ फोटोग्राफ के जरिये सुरक्षा व्यवस्था एवं मानव वन्यजीव संघर्ष के दौरान भीड़ पर नियंत्रण पाना और वन्य जीव द्वारा मारे गए व्यक्ति के परिवार से सोच संवेदना व्यक्त करने के तरीके बताएं। एफडी ने सभी अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया। बैठक में डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल, डीडी वानिकी संजीव कुमार, पूरनपुर एसडीओ प्रवीण खरे, रेंजर गिरिराज सिंह, डीके गोयल, बीके गुप्ता, श्री राम, आरके शर्मा, सत्येंद्र चौधरी, प्रमोद कुमार, सर्वेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, हरिश्चंद्र नवनीत यादव आदि भी मौजूद रहे। ---वर्जन---

चार दिन तक पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में भ्रमण के दौरान हुए अनुभव को पीटीआर के स्थानीय अधिकारियों के साथ साझा किया है। वर्ष 2019-20 में वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था सबंधी बजट में सुंदरवन की तर्ज पर अधिकतर उपकरण एवं सुविधाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। ताकि सुंदरवन की तर्ज पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी वन्यजीव सुरक्षा प्रबंधन हो सके।

- डॉ. एच. राजा मोहन फील्ड डायरेक्टर पीटीआर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.