बरसात करीब, परकोपाइन में नहीं भरीं झाड़ियां
ट्रांस शारदा क्षेत्र के गांव राणाप्रतापनगर में नदी से जमीन को कटने से बचाने के लिए करोड़ों की लागत से दर्जनों कटर बनाकर उनके ऊपर परकोपाइन का निर्माण किया गया है। पिछली बार शारदा में जलस्तर बढ़ने से परकोपाइन से झाड़ियां पूरी तरह से गायब हो गया है। बरसात का सीजन शुरू होने वाला है। अभी तक विभाग की तरफ से परकोपाइन में झाड़ झंकाड़ नहीं भरा गया है।
संवाद सहयोगी, पूरनपुर (पीलीभीत) : ट्रांस शारदा क्षेत्र के गांव राणाप्रतापनगर में नदी से जमीन को कटने से बचाने के लिए करोड़ों की लागत से दर्जनों कटर बनाकर उनके ऊपर परकोपाइन का निर्माण किया गया है। पिछली बार शारदा में जलस्तर बढ़ने से परकोपाइन से झाड़ियां पूरी तरह से गायब हो गया है। बरसात का सीजन शुरू होने वाला है। अभी तक विभाग की तरफ से परकोपाइन में झाड़ झंकाड़ नहीं भरा गया है। इससे ग्रामीणों को चिता सताने लगी है। काम शुरू न होने से नदी तबाही मचा सकती है।
पिछले वर्ष नदी से राणाप्रतापनगर गांव को बचाने के लिए ग्रामीणों के मांग पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगभग साढे बारह करोड़ रूपये का बजट जारी किया गया था। बाढ़ खंड के अधिकारियों ने नदी के किनारे दर्जनों ठोकर, कटर का निर्माण कराया था। कटर के ऊपर सीमेंट के परकोपाइन लगाकर उसके अंदर झाड़ झंकाड़ भर दिया गया था जिससे नदी कटान न कर सके। इससे कटान को रोकने में बाढ़ खंड के अधिकारियों ने सफलता भी प्राप्त की और ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली। कुछ दिन बाद वर्षा सत्र शुरू होने वाला है। इससे नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है। नदी विकराल रूप धारण कर काफी तबाही मचाती है। पिछली बार पानी से क्षतिग्रस्त हुए कटर, परकोपाइन में लगी झाड़ झंकाड़ को अभी तक दोबारा से सही नहीं किया गया है। राणाप्रतापनगर की क्षेत्र पंचायत सदस्य शशिकला, पूर्व प्रधान सुमन गुप्ता, यदुनंदन मद्धेशिया, परवेज खान, राजेश कुमार, कमलेश गुप्ता, नंदू प्रसाद सैनी, मोहम्मद फारुख, जीतनलाल ने बचाव कार्य शुरू कराने की मांग बाढ़ खंड के अधिकारियों और उच्चाधिकारियों से की है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता शैलेष कुमार ने बताया कि बरसात शुरू होने से पहले राणाप्रतापनगर में शारदा नदी के किनारे बने सभी परकोपाइन में झाड़ी भरवाने का काम शुरू करा दिया जाएगा। जहां कटर और स्पर क्षतिग्रस्त हुए हैं उस जगह को चिन्हित कर बचाव कार्य किया जाएगा। एसडीओ से बाढ़ बचाव कार्य की रिपोर्ट मांगी गई है।