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विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं, कैसे होगा मरीजों का इलाज

एल टू कोविड हॉस्पिटल बनाने के मुख्यमंत्री के आदेश का अनुपालन कराने के लिए आनन-फानन में 100 बेड के जिला महिला अस्पताल को खाली करा लिया गया। बेहतर ढंग से संचालित हो रहे जिला महिला अस्पताल के नए भवन को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील करने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:10 AM (IST)
विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं, कैसे होगा मरीजों का इलाज
विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं, कैसे होगा मरीजों का इलाज

पीलीभीत,जेएनएन: एल टू कोविड हॉस्पिटल बनाने के मुख्यमंत्री के आदेश का अनुपालन कराने के लिए आनन-फानन में 100 बेड के जिला महिला अस्पताल को खाली करा लिया गया। बेहतर ढंग से संचालित हो रहे जिला महिला अस्पताल के नए भवन को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील करने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। सवाल कोविड हॉस्पिटल के संचालन पर खड़ा हो रहा है। एल टू कोविड हॉस्पिटल के संचालन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद ही नहीं हैं, ऐसे में एल टू कोविड हॉस्पिटल को बनाकर केवल रस्म अदायगी तो नहीं की जा रही।

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दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौरान गंभीर रूप से बीमार मरीजों को एल टू कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है। जनपद में एल टू कोविड हॉस्पिटल व आवश्यक संसाधनों समेत उनके संचालन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद न होने के कारण अभी तक मरीजों को बरेली रेफर किया जा रहा है। बीते दिनों शासन से प्रत्येक जनपद में एल टू कोविड हॉस्पिटल तैयार करने के निर्देश प्राप्त हुए,लेकिन असमंजस की स्थिति के कारण स्वास्थ्य विभाग एल टू कोविड हॉस्पिटल तैयार नहीं करा पाया। अपर मुख्य सचिव व उसके बाद मुख्यमंत्री की बैठक में जब एल टू कोविड हॉस्पिटल तैयार न होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तो मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल 100 बेड का एल टू कोविड हॉस्पिटल तैयार करने के निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य विभाग एल टू कोविड हॉस्पिटल के लिए किसी निजी अस्पताल या होटल संचालक को मनाने में असफल रहा। इसके साथ ही किसी नए स्थान की तलाश कर उसे एल टू कोविड हॉस्पिटल के रूप में प्रस्तावित भी नहीं कर सका।

शासन सचिव वी.हेकाली झिमोमी ने जिला महिला अस्पताल के एमसीएच विग को एल टू कोविड हॉस्पिटल में बदलने का सुझाव दिया तो सीएमओ ने तुरंत उसके लिए आदेश जारी कर दिया। एकमात्र फिजीशियन कैसे करेगा सबका इलाज: जनपद की सरकारी सेवा में वैसे तो तीन फिजीशियन मौजूद हैं। दो अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हैं व एक जिला अस्पताल में कार्यरत हैं। एल टू कोविड हॉस्पिटल में नियमित तौर पर 24 घंटे एक फिजीशियन रखना आवश्यक होगा। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी फिजीशियन डॉ. पीके मिश्र पहले से ही कोरोना संक्रमित हैं। डॉ. हरपाल सिंह कोविड हॉस्पिटल, क्वारंटाइन सेंटर व टेस्टिग के नोडल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। तीसरे जिला अस्पताल में कार्यरत एकमात्र फिजीशियन डॉ. रमाकांत सागर हैं जिनके लिए जिला अस्पताल के साथ एल टू कोविड हॉस्पिटल की जिम्मेदारी संभालना संभव नहीं होगा। ऐसे में बिना फिजीशियन एल टू कोविड हॉस्पिटल का संचालन कैसे होगा।

वेंटीलेटर संचालन के लिए एनेस्थेटिस्ट भी आवश्यक

एल टू कोविड हॉस्पिटल में वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध रहती है। वेंटीलेटर संचालन के लिए प्रशिक्षित एनेस्थेटिस्ट की आवश्यकता होती है। जनपद में सरकारी सेवाओं में पांच निश्चेतक डॉक्टर मौजूद हैं जिसमें एक एसीएमओ, एक जिला पुरुष अस्पताल व तीन जिला महिला अस्पताल में मौजूद हैं।

एसीएमओ डॉ. अश्वनी गुप्ता जिला सर्विलांस अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। जिला पुरुष अस्पताल में एकमात्र एनेस्थेटिस्ट डॉ. निशिकांत मौजूद हैं जो 24 घंटे जिला अस्पताल में ऑन कॉल रहते हैं। इसके अलावा, जिला महिला अस्पताल में डॉ. राजेश, डॉ. केपीएस चौहान व डॉ. सुधा सिंह निश्चेतक के रूप में कार्यरत हैं जोकि शिफ्ट अनुसार कार्य कर रहे हैं। ऐसे में किसी को भी हटाकर कोविड हॉस्पिटल में लगाने से सम्बंधित अस्पताल की व्यवस्था बाधित होगी।


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