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रेलवे विभाग साधे चुप्पी, व्यापारियों का हो रहा नुकसान

पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीलीभीत-बरेली सिटी के मध्य बड़ी लाइन की पैसेंजर ट्रेन चलाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 11:57 PM (IST)
रेलवे विभाग साधे चुप्पी, व्यापारियों का हो रहा नुकसान
रेलवे विभाग साधे चुप्पी, व्यापारियों का हो रहा नुकसान

पीलीभीत : पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीलीभीत-बरेली सिटी के मध्य बड़ी लाइन की पैसेंजर ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। मालगोदाम और एक्सप्रेस ट्रेन शुरू न करने से जनपद के व्यापारियों का व्यापार को बहुत हानि हो रही है। व्यापारियों ने मालगोदाम समेत सभी सुविधाएं दिए जाने की मांग उठाई है। 14 दिसंबर 2016 को पीलीभीत से बरेली सिटी तक पैंसेजर गाड़ी चलाकर उद्घाटन किया गया था। उसके बाद पांच जोड़ी पैसेंजर गाड़ियों का संचालन शुरू किया गया। बड़ी लाइन की गाड़ियों को चलते हुए दो साल का समय बीत गया, लेकिन रेलवे विभाग ने यात्री सुविधाओं में किसी प्रकार की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी नहीं की है। चार माह पूर्व इज्जतनगर मंडल के वाणिज्यिक अधिकारियों ने शाही और ललौरीखेड़ा स्टेशन का निरीक्षण कर मालगोदाम निर्माण के लिए जगह तलाशने का काम किया था। अंत में शाही स्टेशन के पास जमीन को हरी झंडी दे दी थी। अभी तक मालगोदाम निर्माण की दिशा में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। दो साल के अंतराल में यातायात की सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं किया गया। ऐसे में जनपद के व्यापारियों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली, प्रयागराज, लखनऊ आदि शहरों के लिए ट्रेनें न होने की वजह से व्यापारियों को रोडवेज बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। डीआरएम के पीआर सेल के धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि अभी एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए कोई आदेश नहीं आया है। आदेश आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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व्यापारियों की बात बड़ी रेललाइन की ट्रेन को चलते हुए दो साल का समय पूरा हो चुका है। इसके बावजूद एक्सप्रेस ट्रेन तक नहीं चलाई गई। ट्रेन न होने से दिक्कतें हो रही है। मालगोदाम और ट्रेन न होने की वजह से व्यापार खत्म होता जा रहा है। दिल्ली, प्रयागराज, लखनऊ आदि के लिए ट्रेन चलनी चाहिए।

-नोवी ¨सह, व्यापारी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के रूप में जनपद को सौगात मिली है, लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन न होने की वजह से सबकुछ फीका है। राइस मिलर्स, चीनी मिलें है। फिर भी मालगोदाम और एक्सप्रेस ट्रेन की सुविधा नहीं है। रेल विभाग को ध्यान देना चाहिए। आने वाले चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा।

-अफरोज जिलानी, जिलाध्यक्ष, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल। बड़ी लाइन को दो साल का समय हो चुका है। अभी तक मालगोदाम और पार्सल घर चालू नहीं हो सका है। महानगरों के लिए ट्रेनों की सुविधा नहीं है। बड़ी लाइन की ट्रेन होने के बाद भी रोडवेज बसों से आवागमन करना पड़ रहा है। व्यापारियों की दिक्कतों को देखते हुए कदम उठाना चाहिए।

-विमल गुलाटी, व्यापारी दो साल के अंदर मालगोदाम का निर्माण न होने से व्यापार पर विपरीत असर पड़ रहा है। यहां के सामान को बरेली जाकर बुक कराना पड़ता है। अगर मालगोदाम बन जाए, तो सीधे रैक पीलीभीत आएगा। अभी लोकल ट्रेन चलाई जा रही है, जिसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।

-ऋषि सक्सेना, व्यापारी


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