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मुआवजा के नाम पर नहीं मिली फूटी कौड़ी

पीलीभीत शहर के प्रमुख किराना व्यापारी अविनाश ¨सह 84 के दंगों का जिक्र करते ही भावुक हो जाते हैं। कहते हैं आज तक शासन से मुआवजे में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:09 PM (IST)
मुआवजा के नाम पर नहीं मिली फूटी कौड़ी
मुआवजा के नाम पर नहीं मिली फूटी कौड़ी

पीलीभीत : शहर के प्रमुख किराना व्यापारी अविनाश ¨सह 84 के दंगों का जिक्र करते ही भावुक हो जाते हैं। उनका कहना है कि दंगों ने उनका जमा जमाया पूरा व्यवसाय नष्ट कर दिया था। उस दौर में उनकी एक ही लाइन में किराना की तीन दुकानें थी लेकिन दंगाइयों ने सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया।

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शहर में चूड़ी वाली गली बाजार में बुजुर्ग व्यापारी अविनाश ¨सह बताते हैं कि उस दौर में इस बाजार में उनकी तीन किराना की दुकानें हुआ करती थीं। दंगे हुए तो दंगाइयों ने इस बाजार में उन्हें ही निशाना बनाया। तीनो दुकानें आगजनी करके नष्ट कर दी गईं। तत्कालिक सहायता के तौर पर तहसील में बुलाकर 18 सौ रुपये दिए गए। इसके अलावा नुकसान का कोई मुआवजा अब तक नहीं मिला है। बैंक से जो कर्ज ले रखा था, वह भी माफ नहीं किया गया बल्कि बैंक ने ब्याज समेत ऋण वसूल लिया। गनीमत यह रही कि दंगों से कई महीने पहले दुकानों का बीमा कराया था। इसलिए 75 हजार रुपये क्लेम स्वीकृत हुआ लेकिन पैसा बैंक के माध्यम से मिलना था। ऐसे में बैंक ने अपने ऋण और ब्याज की धनराशि कटौती करके लगभग तीस हजार रुपये उन्हें दिए। उसी पैसे से फिर व्यवसाय जमाने की कोशिश शुरू की। वाहे गुरु की कृपा से मेहनत सफल हुई और व्यवसाय चल निकला तब बेटे को कपड़े की दुकान कराई और खुद किराना का व्यवसाय नए सिरे से चालू किया। शहर में उनके जैसे कई अन्य सिख समाज के लोगों को भी दंगाइयों ने अपने निशाने पर लेकर भारी नुकसान पहुंचाया था। आज भी उस दौर को याद करके कलेजा कांप जाता है।


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