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नीलगाय के बच्चे को कुत्तों ने किया घायल

जंगल से भटककर आबादी क्षेत्र में पहुंचे नीलगाय के बच्चे को कुत्तों ने नोचकर घायल कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे बमुश्किल कुत्तों से छुड़ाया। इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 11:07 PM (IST)
नीलगाय के बच्चे को कुत्तों ने किया घायल
नीलगाय के बच्चे को कुत्तों ने किया घायल

पीलीभीत,जेएनएन: जंगल से भटककर आबादी क्षेत्र में पहुंचे नीलगाय के बच्चे को कुत्तों ने नोचकर घायल कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे बमुश्किल कुत्तों से छुड़ाया। इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई है।

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हजारा थाना क्षेत्र के गांव अशोकनगर के पास पड़ने वाले बफर जोन संपूर्णानगर वन रेंज के जंगल की तरफ से भटकते हुए एक नीलगाय का बच्चा बुधवार की शाम के समय मौरनिया गांधीनगर तिराहा मजदूर बस्ती के पास अचानक पहुंच गया। तिराहा पर पहुंचते ही गांव के 10, 12 कुत्तों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया और नोचना शुरू कर दिया। कुत्तों की ओर से नीलगाय को नोचते देख गांव के कई युवक वहां साहस कर पहुंच गए। कुत्तों को खदेड़कर बमुश्किल नीलगाय के बच्चे को बचाया। इस दौरान नीलगाय का बच्चा बुरी तरह से जख्मी हो गया। गांव के आसाराम ने घायल नीलगाय पर मशक्कत के बाद काबू में किया। ग्रामीणों ने वन विभाग के कबीरगंज बीट प्रभारी अरुण कुमार को सूचना दी। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर घायल वन्यजीव को इलाज के लिए अपने साथ ले गई।

कुंवरपुर के नजदीक गन्ने के खेत में दिखा बाघ

जमुनियां खास : क्षेत्र के गांव कुंवरपुर के आसपास रुजहा व अमृता दिलीपपुर में गन्ने की खड़ी फसल में कई दिनों से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। बुधवार सुबह को गांव कुंवरपुर निवासी राजेश नन्दराम मोहनलाल के गन्ने के खेतों में बाघ को देखा गया। जिससे किसानों में दहशत फैल गई। सामाजिक वानिकी के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचे पगचिन्हों को देख बाघ के होने की पुष्टि की है। कई दिनों से लगातार बाघ की चहलकदमी से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बाघ टाइगर रिजर्व जंगल से बाहर निकले के बाद गांव के आसपास घूम रहा है। अभी तक किसी संबंधित कर्मचारी ने अभी तक इस ओर ध्यान नही दिया है। इस वक्त किसानों की गेंहू की फसल की बुवाई का कार्य तेजी से चल रहा है एवं गन्ने का भी कार्य तेज गति से किसानों शुरू कर दिया। लेकिन बाघ के गन्ने के खेतों में लगातार बने रहने से गेहूं व गन्ने की फसल का कार्य लेट होता जा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि बाघ को गन्ने के खेत से पकड़ कर कही दूर छोड़ा जाए।


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