गांवों में निगरानी समितियां निष्क्रिय
अधिकांश गांवों में निगरानी समितियां निष्क्रिय पड़ी हुई हैं। वहां न तो बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी मिल पा रही है और न ही गांवों में सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। कुछ जगह जागरूक ग्राम प्रधानों की तरफ से सही सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है। अधिकारी भी गंभीर नहीं है।
पीलीभीत,जेएनएन : अधिकांश गांवों में निगरानी समितियां निष्क्रिय पड़ी हुई हैं। वहां न तो बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी मिल पा रही है और न ही गांवों में सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। कुछ जगह जागरूक ग्राम प्रधानों की तरफ से सही सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है। अधिकारी भी गंभीर नहीं है।
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए गांवों में निगरानी समितियों का गठन किया गया है। निगरानी समिति में प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक, लेखपाल और गांव के प्रमुख लोगों को शामिल किया गया है। निगरानी समितियों को बाहर से आने वाले लोगों की सूची बनाने, खांसी, जुखाम, बुखार से पीड़ित लोगों की कोविड जांच कराकर उन्हें दवा दिलवाने, गांव में सैनिटाइजेशन का ग्राम पंचायत की तरफ से कार्य कराने आदि के निर्देश दिए गए हैं। अधिकांश जगह यह निगरानी समिति निष्क्रिय पड़ी हैं। गांवों में मौतों, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों में बढ़ोतरी होने के बाद भी इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। इससे शासन के निगरानी समितियों के माध्यम से कोविड-19 का संक्रमण रोकने को चलाई गई मुहिम को झटका लग रहा है। खंड विकास अधिकारी सुनील जायसवाल ने बताया कि हर ग्राम पंचायत में निगरानी समिति गठित की गई है। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सूची बनाकर ग्राम पंचायत सचिव को दी जा रही है जो उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है। गांव में सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। निगरानी समितियों को बैठक कर और जागरूक किया जाएगा।
बीसलपुर : ग्रामीण अंचलों में जानलेवा होते जा रहे कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की पहचान के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। ग्रामीण अंचलों में गठित निगरानी समितियां घर-घर जाकर खांसी बुखार से ग्रसित मरीजों की पहचान कर रही हैं। बाद में इसकी सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दी जाएगी।
कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चलाई जा रही मुहिम में सहयोग करने के लिए 78 ग्राम पंचायतों में आशा, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक व ग्राम विकास अधिकारी समेत निगरानी समितियां गठित की गई हैं। समितियों के सदस्य ग्रामीण अंचलों में डोर टू डोर जाकर खांसी व बुखार से ग्रसित होने वाले मरीजों की पहचान कर उनकी सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देने के निर्देश दिए सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव पहुंचकर मरीजों का उचित उपचार करेंगी तथा संक्रमित मरीजों को भी समय से उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। चिकित्सा अधीक्षक डा. ठाकुर दास ने बताया कि सभी 78 ग्राम पंचायतों में निगरानी समितियां गठित हैं। अभियान चलाकर खांसी बुखार से ग्रसित मरीजों की पहचान की जा रही है।