प्रवासियों की सूची बनाने में खेल
क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्यों से लौट कर आने का सिलसिला जारी है। लॉक डाउन से अब तक सैकड़ों की तादाद में लोग पैदल व सवारियों के जरिए सफर करके अपने घरों को वापस आ चुके हैं। प्रवासियों की आर्थिक सहायता के लिए सरकार के निर्देश पर गांव गांव आशा बहुओं व लेखपालों के जरिए सर्वे कर सूचियां बनाई जा रही हैं जिससे प्रवासी लोगों को सहायता दी जा सके लेकिन सूची बनाने में भी पैसों का लेन-देन किया जा रहा है।
जेएनएन,अमरिया (पीलीभीत): क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्यों से लौट कर आने का सिलसिला जारी है। लॉक डाउन से अब तक सैकड़ों की तादाद में लोग पैदल व सवारियों के जरिए सफर करके अपने घरों को वापस आ चुके हैं। प्रवासियों की आर्थिक सहायता के लिए सरकार के निर्देश पर गांव गांव आशा बहुओं व लेखपालों के जरिए सर्वे कर सूचियां बनाई जा रही हैं जिससे प्रवासी लोगों को सहायता दी जा सके, लेकिन सूची बनाने में भी पैसों का लेन-देन किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला विकास खंड के गांव हर्रायपुर में प्रकाश में आया है। गांव में तैनात आशा बहु अनीसा बेगम द्वारा बाहर से लौटे प्रवासियों से सूची में नाम लिखने को लेकर पैसा लिया जा रहा है जबकि लॉक डाउन में काम धंधा बंद होने से लोग परेशान हैं। घरों पर बैठे हैं मुश्किल से गुजारा हो रहा है। आशा द्वारा पैसे लेने की सूचना पर जांच करने पहुंचे एसडीएम सौरभ दुबे चिकित्सक अधीक्षक डाक्टर लोकेश गंगवार गांव जाकर पूछताछ की तो मामला सही पाया गया।
-गुजरात में एक फैक्टरी में काफी समय काम करते थे लॉक डाउन लगने से सब काम धंधा बंद हो गया रोजगार बंद होने से दिक्कतें बढ़ गई थी एक माह पहले मुश्किल से ट्रक के जरिए घर पहुंचे हैं अभी कोई काम धंधा नहीं है गांव की आशा ने सूची में नाम लिखने के लिए चार सौ रुपए ले लिए।
मोहम्मद सलीम -काफी समय से हरियाणा में वेल्डर का कार्य करते थे जिससे परिवार का ़खर्च चलता था मजदूरी अच्छी पड़ जाती थी काम बंद होने से पैदल सफर करके तीन सप्ताह पहले घर आये हैं घर पर भी काम धंधा बहुत हल्का है मुश्किल से गुजारा हो रहा गांव की आशा बहू सूची में नाम लिखने के पैसे ले गई।
मोहम्मद इस्लाम -गांव के लड़कों के साथ गुड़गांव में फैक्ट्री में काम करने गए थे कुछ दिन काम करने के बाद लॉक डाउन लग गया घर पहुंचना मुश्किल हो गया पैदल कभी सवारी पर बैठ कर सफर किया है आशा ने घर पर आकर बताया खाते में रूपए सरकार देगी सूची बन रही है नाम डालने के लिए ढाई सौ रुपये लिए हैं।
मोहम्मद आमिर
-गांव में कार्यरत आशा बहू अनीसा बेगम द्वारा कुछ प्रवासी लोगों से सूची में नाम लिखने के लिए रुपये लिए गए हैं जिसकी जांच पड़ताल में मामला सही पाया गया है आशा के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
-डॉक्टर लोकेश कुमार गंगवार, चिकित्सक अधीक्षक