राजकीय फार्मेसी से औषधियों की आपूर्ति शुरू
शहर में स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इकलौती राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में दो साल त
पीलीभीत : शहर में स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इकलौती राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में दो साल तक औषधियों का निर्माण ठप होने के बाद अब फिर तेजी से होने लगा है। इसी फार्मेसी से पश्चिमी उप्र के कुल 17 जिलों में औषधियों को भेजा जाना है। सात जिलों में आपूर्ति भेजी जा चुकी है। अन्य जिलों के जिला आयुर्वेद अधिकारियों को पहले पत्र भेजकर औषधियां मंगाने के लिए कहा गया। अब उन्हें रिमाइंडर भी भेजा गया है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में सिर्फ दो ही राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी संचालित हैं। एक लखनऊ में और दूसरी यहां। सपा शासन के दौरा लगातार दो साल तक इस फार्मेसी को औषधियों के निर्माण के लिए कोई बजट ही नहीं मिल सका था। ऐसे में यहां औषधियों का निर्माण ठप रहा। पश्चिमी उप्र के जिलों में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों के लिए अनुबंधित फार्मेसी से औषधियों की खरीद करके काम चलाया जाता रहा। इस साल फार्मेसी को तीस लाख रुपये का बजट आवंटित हुआ था। बजट की धनराशि से कच्ची औषधियों का आपूर्ति सीधे लखनऊ से टेंडर के माध्यम से कराए जाने के बाद यहां औषधियों के निर्माण में तेजी आ गई। इन जिलों को भेजी जा चुकीं औषधियां
रामपुर, सहारनपुर, पीलीभीत, बरेली, बुलंदशहर, बदायूं और अलीगढ़ जिलों को औषधियों की आपूर्ति भेजी जा चुकी है। मुरादाबाद, बागपत, बिजनौर, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर, संभल, जेपीनगर (अमरोहा), हापुड़ आदि से भी डिमांड आई थी। इसके बाद फार्मेसी से उन्हें पत्र जारी करके औषधियां मंगाने के लिए भी कहा गया। ---------------------
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दो साल बजट नहीं मिलने से फार्मेसी में औषधियों का निर्माण नहीं हो सका लेकिन इस साल बजट मिलने के बाद कच्ची सामग्री मिलते ही औषधियों का निर्माण तेजी से कराना जा रहा है। कुछ औषधियां अभी निर्माण प्रक्रिया में है। उनकी घटक सामग्री प्राप्त होते ही उन्हें भी तैयार करा दिया जाएगा।
डॉ. नरेश चंद्र गंगवार, प्रभारी, राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी