पीलीभीत में नकाबपोश सशस्त्र बदमाशों ने नौ लोगों को लूटा
टाइगर रिजर्व के हरीपुर जंगल में आठ नकाबपोश सशस्त्र बदमाशों ने कहर बरपाया। नौ लोगों को बंधक बनाकर गन प्वाइंट पर लेकर हजारों की नकदी और मोबाइल लूट लिए। एक राहगीर के भागने पर उसके ऊपर फायरिग कीजिससे वह बाल-बाल बच गया।
संवाद सहयोगी, पूरनपुर (पीलीभीत): टाइगर रिजर्व के हरीपुर जंगल में आठ नकाबपोश सशस्त्र बदमाशों ने कहर बरपाया। नौ लोगों को बंधक बनाकर गन प्वाइंट पर लेकर हजारों की नकदी और मोबाइल लूट लिए। एक राहगीर के भागने पर उसके ऊपर फायरिग की,जिससे वह बाल-बाल बच गया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश जंगल की तरफ भाग निकले। लूटपाट की घटना से इलाके में दहशत का माहौल है।
यह वारदात सोमवार तड़के हुई। पूरनपुर-धनाराघाट मार्ग पर गांव चंदिया हजारा को जाने वाले सड़क से एक किमी दूर घाट को जाने वाली रास्ते पर आठ सशस्त्र नकाबपोश बदमाश जंगल की झाड़ियों में छिप गए। बदमाशों ने आने जाने वाले राहगीरों को असलाहों से रोकना शुरू कर दिया। न्यूरिया निवासी व्यापारी प्रेम सरकार और पवन सरकार को रोककर उन्हें बंधक बना लिया। दोनों हजारा क्षेत्र में जा रहे थे। बाइक को झाड़ियों में छिपाकर उनके भी हाथ पैर बांध कर झाड़ियों में डाल दिया। व्यापारियों से हजारों की नकदी और मोबाइल छीन लिया। गांव धुरिया पलिया निवासी काबुल सिंह, हजारा क्षेत्र के गांव नेहरूनगर निवासी रविद्र कुमार, थाना संपूर्णानगर की वन रेंज में तैनात चंदिया हजारा बंगाली कालोनी निवासी बाजार गोविद, हजारा क्षेत्र के गांव सिद्धनगर कि साधन सहकारी समिति में कार्यरत सचिव अनिलेश कटियार, संपूर्णानगर थाना के गांव कृष्णानगर निवासी सुरेश और शिवमंगल को बंधक बनाकर झाड़ियों में डाल दिया। शिवमंगल ने बताया कि वह सुरेश के साथ शेरपुर क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म से बाइक लेकर घर जा रहे थे। अचानक रास्ते में बदमाश निकल आए। गन प्वाइंट पर लेते हुए बंधक बना लिया। बाइक को झाड़ियों में डालने के साथ ही उन्हें भी झाड़ियों में बैठा लिया। वहां लोग पहले से ही बंधे पड़े थे। इसी बीच एक बाइक सवार आ गया। बदमाशों ने उसे रूकने का इशारा किया,लेकिन उसने बाइक बेहद तेजी के साथ दौड़ा दी। इसपर बदमाश ने बाइक सवार पर फायर झोंक दिया। गनीमत रही कि उसके गोली नहीं लगी। वह भागने में सफल रहा। हजारा इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी कमल सिंह आनन फानन में घटनास्थल पर पहुंच गए। बदमाशों की घेराबंदी के लिए जंगल में कांबिग की गई,लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग सका।