नागरिकों को अखरती पार्क की कमी
बरखेड़ा कस्बा में कोई पार्क नहीं हैं जहां सुबह-शाम लोग टहलने जा सकें। साथ ही बच्चों को मनोरंजन का साधन उपलब्ध हो सके। लोगों ने नगर पंचायत से किसी भी स्थल पर पार्क विकसित कराने की मांग की है।
पीलीभीत,जेएनएन : बरखेड़ा कस्बा में कोई पार्क नहीं हैं, जहां सुबह-शाम लोग टहलने जा सकें। साथ ही बच्चों को मनोरंजन का साधन उपलब्ध हो सके। लोगों ने नगर पंचायत से किसी भी स्थल पर पार्क विकसित कराने की मांग की है।
नगर पंचायत का गठन 1981 में हुआ था। 40 बरस बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत की ओर से कोई ऐसा पार्क नहीं नहीं बनवाया गया, जहां लोग सुबह शाम टहल सकें। मॉर्निंग वॉक के लिए निकलने वाले लोग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर टहलने जाते हैं या फिर बीसलपुर पीलीभीत मार्ग किनारे टहलते हैं। अभी तो ट्रेनों का संचालन बंद है, इसलिए रेलवे प्लेटफार्म पर प्रवेश मिल जाता है। जब ट्रेनों का संचालन शुरू होगा तो वहां लोग टहलने नहीं जा सकेंगे। पीलीभीत बीसलपुर मार्ग किनारे टहलने वाले लोग सड़क किनारे 2 से 3 किलोमीटर तक टहलने जाते हैं। हालांकि हर समय ट्रैफिक रहने से दुर्घटना का भी खतरा रहता है। नगर में बच्चों के खेलने तथा मनोरंजन के लिए भी पार्क का होना आवश्यक माना जा रहा है। वर्ष 2007 में नगर पंचायत की ओर से वार्ड संख्या 5 में एक छोटे से स्थान पर तिकुनिया पार्क का निर्माण कार्य कई लाख रुपये खर्च करके करवाया था, जहां की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि लोगों की ओर से उसे पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उसके चारों तरफ लगे लोहे के जाल को उखाड़ कर फेंक दिया गया है। लोगों ने जानवर बांधकर उसे पशुशाला का रूप दे दिया है। अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र प्रताप व नगर पंचायत अध्यक्ष हज्जन इदरीश बेगम ने बताया कि सिद्ध बाबा स्थल के पास पार्क बनाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही उसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कस्बा के लोगों का पार्क होने का सपना पूरा हो जाएगा।
अध्यापिका नीरज का कहना है कि कहने को बरखेड़ा नगर पंचायत है परंतु ऐसी नगर पंचायत होने से भी क्या फायदा जहां बच्चों के खेलने, मनोरंजन करने का कोई स्थान न हो। नगर पंचायत को इसका इंतजाम करना चाहिए।
छात्र आशीष कुमार कहते हैं कि कस्बे में नगर पंचायत द्वारा छात्रों के लिए ऐसा कोई भी पार्क या क्रीड़ा स्थल नहीं बनवाया गया है, जहां सुकून के पल बिता सकें। कस्बे में कम से कम एक पार्क तो होना ही चाहिए।
प्रिस भारद्वाज बताते हैं कि नगर पंचायत को बने हुए चार दशक हो चुके हैं। फिर भी अब तक कोई अच्छा पार्क विकसित नहीं किया जा सका। इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। जमीन की तलाश करके पार्क बनना चाहिए।
अजीत कुमार एडवोकेट का कहना है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत द्वारा यहां कोई ऐसा पार्क नहीं बनवाया गया है, जहां नगर के लोग मॉर्निंग वॉक कर सकें। नगर पंचायत को पार्क के बारे में सोचना चाहिए।