बारिश से सब्जियों के दाम आसमान पर
मौसमी सब्जियों पर फिर महंगाई की मार पड़ी है। बारिश के कारण सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचने से आवक में कमी आई है जबकि मांग पहले की तरह ही बनी हुई है। पिछले दिनों हरी मटर बीस रुपये किग्रा तक बिक गई लेकिन अब भाव उछलकर चालीस रुपये प्रति किग्रा हो गए हैं। इस बार आलू के दाम तो नीचे आने को तैयार ही नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : मौसमी सब्जियों पर फिर महंगाई की मार पड़ी है। बारिश के कारण सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचने से आवक में कमी आई है जबकि मांग पहले की तरह ही बनी हुई है। पिछले दिनों हरी मटर बीस रुपये किग्रा तक बिक गई लेकिन अब भाव उछलकर चालीस रुपये प्रति किग्रा हो गए हैं। इस बार आलू के दाम तो नीचे आने को तैयार ही नहीं हैं। पिछले वर्षों में जनवरी के महीने में आलू दस रुपये का सवा किलो बिकता रहा है लेकिन इस बार बीस रुपये किलो अभी तक बिकता रहा। बारिश के बाद आलू के दाम और बढ़ने के आसार हैं।
इस बार सर्दी के मौसम में कई बार बारिश हो चुकी है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी पिछले दिनों हो गई थी। इससे सबसे ज्यादा नुकसान सब्जियों की फसलों को पहुंचा है। मंडी में आलू की ज्यादातर आवक तो बदायूं और शाहजहांपुर के जलालाबाद से होती है लेकिन खेतों में बारिश का पानी भर जाने से आलू की खोदाई की गति सुस्त पड़ गई। कारोबारियों का कहना है कि इसी वजह से इस बार अभी तक आलू महंगा बिक रहा है। पिछले महीने गोभी तो 10-15 रुपये किलो तक बिक गई लेकिन बारिश के बाद तीस व चालीस रुपये किलो का भाव हो गया है। इसी प्रकार पालक बीस से बढ़कर तीस रुपये, हरा धनिया सौ से बढ़कर डेढ़ सौ रुपये, शिमला मिर्च चालीस से बढ़कर पचास रुपये और मेथी तीस से बढ़कर फिर चालीस रुपये प्रति किलो बिकने लगी है। सब्जियों पर फिर महंगाई बढ़ जाने से गृहणियां परेशान हो उठीं हैं। उनका कहना है कि सौ रुपये की सब्जी दो दिन भी नहीं चल पाती है। दालों पर पहले से भी महंगाई का रंग चढ़ा हुआ है। रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है।
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सब्जियां फिर काफी महंगी हो रही हैं। दालों पर पहले ही महंगाई छाई हुई है। ऐसे में रसोई का बजट प्रभावित हो रहा है। आलू तो हर घर की जरूरत है लेकिन इस बार आलू पिछले वर्षों की तुलना में काफी महंगा बिक रहा है।
श्यामली सक्सेना
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बेमौसम की बारिश ने सब्जियां काफी महंगी कर दी हैं। सौ रुपये की सब्जी दो दिन भी नहीं चल पाती। रसोई का खर्च बढ़ गया है। क्योंकि दालों समेत खानपान की अन्य चीजों पर भी महंगाई छाई हुई है।
स्नेहा देवी
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पहले प्याज की महंगाई ने उपभोक्ताओं को परेशान किया। प्याज की कीमत अब जाकर कुछ नीचे आई तो अन्य सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। रसोई का बजट बढ़ जाने से अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है।
नमिता