गैर इरादतन हत्या में पांच को सजा
पीलीभीत: घर में घुसकर गैर इरादतन हत्या करने के मामले में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश अहस
पीलीभीत: घर में घुसकर गैर इरादतन हत्या करने के मामले में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश अहसान हुसैन ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए प्रत्येक को 25 सौ रुपये अर्थदंड समेत दस-दस वर्ष की सजा से दंडित किया। तीन महिलाओं को एक-एक हजार रुपये अर्थदंड समेत छह-छह माह की सजा से दंडित किया।
वादी जयशंकर ने 23 जून 2005 को थाना न्यूरिया में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अनार देवी का दत्तक पुत्र है। इंदिरा आवास योजना के तहत अनार देवी का आवास बनाया था, जिसका मुकदमा न्यायालय में लंबित है। जिस कारण सूरज प्रसाद, लालता प्रसाद उर्फ नन्हे चंद्रसेन, रामकुमार उसकी मां से रंजिश मानते हैं और घर पर कब्जा करना चाहते हैं। 7 मई 2005 को सुबह 10 बजे उक्त लोगों ने एकराय होकर वादी की मां अनार देवी के आवास में कब्जा करने की कोशिश की विरोध करने पर इन लोगों ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी जिसमें वादी की मां जल गई। दौरान इलाज 20 जून 2005 को मृत्यु हो गई। पुलिस ने विवेचना में मामला झूठा पाते हुए न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। वादी द्वारा अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल की गई। न्यायालय ने सुनवाई के बाद अंतिम रिपोर्ट निरस्त कर जमुना देवी, तारा देवी, जसोदा देवी, लालता प्रसाद, रामकुमार को आरोपी पाते हुए तलब किया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मुजीबुल हक ने कई गवाह पेश किए वहीं आरोपियों ने निर्दोष होना बताया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जमुना देवी, तारा देवी, जसोदा देवी को दोषी पाते हुए एक-एक हजार रुपये अर्थदंड सहित छह-छह माह तथा लालता प्रसाद व राम कुमार को पच्चीस-पच्चीस सौ रुपये अर्थदंड सहित दस-दस वर्ष की सजा से दंडित किया।