ठंड में विशेष सतर्कता बरतें वृद्ध और बच्चे
यूं तो ठंड के मौसम में सावधानी बरतना सभी के लिए आवश्यक है परंतु इस मौसम में बच्चों और वृद्धों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वृद्धों के शरीर की क्षमता कम होने लगती है और बच्चों की शारीरिक क्षमता का विकास नहीं हो पाया होता है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : यूं तो ठंड के मौसम में सावधानी बरतना सभी के लिए आवश्यक है, परंतु इस मौसम में बच्चों और वृद्धों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वृद्धों के शरीर की क्षमता कम होने लगती है और बच्चों की शारीरिक क्षमता का विकास नहीं हो पाया होता है। आहार विहार और दिनचर्या का ध्यान रखकर ठंड के प्रकोप से बचा जा सकता है। ठंड के मौसम में सांस, अस्थमा, हृदय रोगियों और चर्म रोगियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ललित हरि आयुर्वेदिक राजकीय महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं चिकित्सक हरीशंकर मिश्र बताते है कि इस मौसम में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मौसमी फल तथा सब्जियों जैसे गाजर, चुकंदर, पालक, शलजम, पत्तागोभी आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। ठंड लगने से हाथ पैरों की अंगुलियों में सूजन, बदहजमी, सर्दी जुकाम और बुखार के रोगी भी बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए थोड़ा-थोड़ा भोजन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शीत ऋतु में नहाना आवश्यक है, परंतु विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों एवं हृदय रोगियों को रखे हुए ठंडे पानी से स्नान करने से बचना चाहिए। शीत ऋतु में स्नान न करने से चर्म रोग बढ़ जाते हैं तो वहीं ठंडे पानी से नहाना या खुले में नहाना काफी हानिकारक हो सकता है। स्नान ताजे या हल्के गुनगुने पानी से करना चाहिए। सुबह को बाहर टहलने से बचना चाहिए। घर में ही टहलना या हल्का व्यायाम करना चाहिए।