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हुसैन-हुसैन .. की आवाजों से गूंजी सदाएं

शहीद ए करबला की याद में ताजियों के साथ मुहर्रम के मातमी जुलूस शहर समेत पूरे जिले में निकाला गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 11:08 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 11:08 AM (IST)
हुसैन-हुसैन .. की आवाजों से गूंजी सदाएं
हुसैन-हुसैन .. की आवाजों से गूंजी सदाएं

पीलीभीत : शहीद ए करबला की याद में ताजियों के साथ मुहर्रम के मातमी जुलूस शहर समेत पूरे जिले में निकाले गए। इन जुलूसों में बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। ताजियेदारों ने इस बार जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए मुल्क के प्रति मोहब्बत का पैगाम दिया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए जुलूस के साथ पुलिस और पीएसी के जवान चलते रहे।

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शुक्रवार को दो बजे शहर में बेलों वाले चौराहा से मुहर्रम का जुलूस शुरू हुआ। पड़ोसी गांव चंदोई समेत कुछ अन्य गांवों के ताजियेदार अपने ताजिये के साथ जुलूस में शामिल हो गए। यहां से कमल्ले चौराहा होते हुए चौक बाजार, जेपी रोड से ड्रमंडगंज चौराहा, बरेली गेट, लकड़ी मंडी रोडवेज बस स्टेशन के सामने से होकर ईदगाह क्रा¨सग पार करके जुलूस करबला पहुंचा। यहां पूरी अकीदत के साथ ताजिये दफनाए गए।

पूरनपुर: मुहर्रम गमगीन माहौल में मनाया गया। ताजियों का जुलूस निकालकर उनको करबला में दफन किया गया। इस दौरान छोटे छोटे बच्चे भी ताजिए लेकर या हुसैन के नारे लगाते हुए करबला पहुंचे। नगर में कई स्थानों पर लंगर तकसीम किया गया। स्टेशन रोड, ब्लाक रोड, स्टेशन चौराहा, माधोटांडा रोड, पुरानी स्टेट बैंक के पास लंगरों हुआ। मदीना नगर में आल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड व अंजुम ए कुरैश कुरैशियान के बैनर तले 10 दिवसीय जिक्र ए शोहदाये करबला कांफ्रेंस मुहल्ला मदीना नगर व कुर्रैशियान में हुई। सरपरस्ती कारी शान मोहम्मद हशमती ने की। कुरान की तिलाबत से कारी शान मोहम्मद हशमती ने आगाज किया। बरेली शरीफ से आए मौलाना फुरकान रजा ने हजरत इमाम हुसैन की जीवनी पर रोशनी डाली। मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी ने मुल्क के अमन व अमान की दुआ मांगी। कुरैशियान में मौलाना फुरकान रजा कारी शान मोहम्मद हशमती फहीम कुरैशी आदि लोगों को इनाम से नवाजा गया। गुलड़िया, गहलुइया और शेरपुर आदि में भी मुहर्रम मनाया गया।

गढ़वाखेड़ा : जादौंपुर कलां, केसरपुरकलां, रायपुर बिचपुरी, गोरा, धनेगा, जोगराजपुर, भरकलीगंज, वासुकपुर से गांव गोरा में कर्बला पर पर आए और भारी भीड़ रही। सबसे बड़ा ताजिया धनेगा का निकला। त्यौहार पर बड़े खूबसूरत

ताजिया बनाए गए। रायपुर बिचपुरी में सबसे बड़ा मेला लगा।

गजरौला : मुहर्रम के दिन ताजिये बाहर रखकर इबादत की गई। लेकिन उन्हें दफन करने के लिए कर्बला नहीं ले जाते हैं।

बीसलपुर : नगर के सात स्थानों से 33 ताजिए जुलूस के साथ निकाले गए। सभी ताजियों के जुलूस कटना नदी के समीप स्थित करबला में ताजिए परंपरागत तरीके से दफन किए गए। ग्राम मीरपुर में कई ग्रामों के ताजिएदार जुलूस की शक्ल में अपने ताजिए लेकर पहुंचे। ताजिएदार या हुसैन के नारे लगा रहे थे। इसमें मीरपुर वाहनपुर, महादेवा, मुसेली, रिछोसबल सहित कई ग्रामों के ताजिएदार शामिल थे। बाद में ताजियों को करबला

में दफन कर दिया गया।

दियोरिया: रंजोगम के माहौल में ताजियों का जुलूस निकाला। पर्व पर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा बंदोबस्त रहा।

अमरिया: धुंधरी सरैनी तुरकुनिया ढेरम करगैना गायबोझ ¨पजरा माधौपुर कैंचू टांडा तुमड़िया गांवों में शान्ति पूर्वक माहौल में ताजियों को निकाला गया जुलूस की शक्ल मे लोगों ने इकट्ठा होकर क्षेत्र की कर्वला घेराशरीफ ले जाकर ताजियो को दफन करा गया। बांसखेड़ा बल्लिया के ताजियों को मुडलिया गौसू कर्वला ले जाया गया। उदयपुर जिठनिया दियोरनिया के ताजिये हर्रायपुर कर्वला मे दफन किये गए पूरे क्षेत्र में अमन शान्ति के साथ ताजियों को दफन किया गया।

मझोला : गुलड़िया मुहल्ले से ताजिए निकाले गए। डकिया हुलकारी, मझोला गांव से भी ताजिए को ले जाने के लिए निकाले गए। ताजिए को लेकर गुलडिया के सभी ताजिया निकाले गए। उसके बाद ताजिए को बड़ी सावधानी के साथ 17 मील स्थित कर्बला मे ले जाकर दफना दिया गया।


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