किसानों में बाघ जैसे हिंसक जीवों की दहशत, वनकर्मी बाघ-भालू की संख्या बढ़ने से खुश
दुधवा नेशनल टाइगर रिजर्व से सटे इलाके के किसानों में बाघ जैसे हिंसक जीवों की दहशत है। कभी तेंदुए की मौजूदगी तो बाघ की गुर्राहट उन्हें परेशान कर देती है।
लखनऊ (जेएनएन)। दुधवा नेशनल टाइगर रिजर्व से सटे इलाके के किसानों में बाघ जैसे हिंसक जीवों की दहशत है। कभी तेंदुए की मौजूदगी तो बाघ की गुर्राहट उन्हें परेशान कर देती है। कभी गांव वालों के पालतू जानवर हिंसक जीवों को निशाना बनते हैं तो कभी बस्ती में घुसकर तेंदुए किसानों के बच्चों पर भी हमला कर देते हैं। किसान खेतों पर जाते समय भयभीत रहते हैं। इससे खेतबाड़ी का काम भी प्रभावित होता है। इसे इतर वन विभाग के अधिकारी टाइगर रिजर्व में बाघ और भालू की संख्या बढ़ने से खुश हैं।
दियूनी इलाके में बाघ के पगचिह्न
पीलीभीत के अमरिया ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत दियूनी इलाके में बाघ के पगचिह्न पाए गए, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इस मामले की सूचना वन विभाग को दी गई। वन कर्मचारियों ने मौका मुआयना किया। छह साल से बाघ परिवार गांवों के खेतों में स्वच्छंद विचरण कर रहा है। पिछले दिनों नानकमत्ता निवासी बूटा सिंह पर जोशी कॉलोनी के पास बाघ ने हमला बोल दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारी गश्त करते रहते हैं। अमरिया के दियूनी क्षेत्र में बाघ के पगचिह्न दिखने से क्षेत्र में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। बाघ की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। लोगों से सतर्क रहने की अपील की। वन कर्मचारियों ने जगंल की ओर अकेले नहीं जाने की हिदायत दी। इस क्षेत्र में झाडिय़ां, नरकुल व गन्ने की वजह से बाघों की छिपने की जगह माकूल होने से काफी समय से बाघों ने यहां रहने का ठिकाना बना रखा है। अब बरसात होने से बाघ बाहर निकलने लगे हैं, जिससे कभी भी घटना घट सकती है। इसलिए लोग जगंल की ओर खेतों पर कार्य करने के लिए झुंड बनाकर जाएं। रास्ते में शोर मचाते हुए ही जाने की कोशिश करें, जिससे हमले की आशंका कम हो जाएगी।
तेंदुए ने बछिया को बनाया निवाला
उत्तर लखीमपुर खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेज के सिंगाही खुर्द वन बीट के पास न्यू कालोनी गोविंद नगर के पास बुधवार की तेंदुआ ने राममूर्ति की पशुशाला से एक ग्रामीण की एक वर्षीय बछिया को निवाला बना लिया। बछिया का अधखाया शव जंगल के पास खेत में मिला है। तेंदुआ की चहलकदमी से ग्रामीणों मे खलबली मची हुई है। यहां बता दें कि लगभग एक माह पहले भी अशोकनगर जंगल कालोनी मे भी तेंदुए ने काफी आतंक मचा रखा था और एक पशुशाला पर हमला कर बछड़ा को निवाला बना लिया था। खेतों की रखवाली करने गये ग्रामीणों को भी तेंदुआ ने घेर लिया था। जानकारी लगने पर बचाकर घर भाग गये थे। अब गोविंदनगर कालोनी में राममूर्ति की पशुशाला में तेुंदआ आ धमका और उसने एक बछिया को निवाला बना लिया।
पहले दिन ही जंगल में दिखा भालू
टाइगर रिजर्व में कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन फील्ड डायरेक्टर ने जंगल में दस्तक दे दी। जंगल में भ्रमण के दौरान फील्ड डायरेक्टर को बांबी चाटते हुए भालू दिख गया। कुछ देर ठहरकर भालू की गतिविधियों पर नजर रखी और वह आगे के लिए बढ़ गए। माला और महोफ में लगे लेजर कैमरों में कैद हुए बाघ के बारे में जानकारी हासिल की। जंगल में गश्त कर रहे वन कर्मचारियों से मुलाकात की। ईको पर्यटन के चार्ज पर दुबारा विचार किए जाने की बात कही गई। टाइगर रिजर्व क्षेत्र में माला, महोफ, बराही, हरीपुर, दियोरिया कलां और शाहजहांपुर जनपद की खुटार रेंज का जंगल जाता है। शासन के निर्देश पर एच.राजामोहन फील्ड डायरेक्टर पद का कार्यभार संभाल चुके हैं। कार्यभार संभालने के बाद सीधे टाइगर रिजर्व के जंगल का रुख किया। जंगल में भ्रमण के दौरान फील्ड डायरेक्टर ने हिरन के झुंड के दर्शन हो गए। कुछ दूर चलने पर जंगल में बनी मिट्टी की बांबी को भालू चाटते हुए दिखे, जो काफी आश्चर्यजनक अवश्य था।
बाघों की संख्या पर हैरानी
टाइगर रिजर्व में भालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। महोफ और माला वनरेंज में लगे लेजर कैमरों में आए बाघों की संख्या पर हैरानी जताई। माला-महोफ का निरीक्षण करते हुए सीधे मुस्तफाबाद पहुंच गए, जहां पर अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व का जंगल बहुत ही अच्छा है। जंगल में बाघ और भालू की संख्या काफी अधिक है। जंगल के अंदर पानी की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। इस वजह से वन्यजीव बाहर नहीं आएंगे। वन निगम के ईको पर्यटन पर काम करने के ढंग में बदलाव लाया जाएगा। दुधवा टाइगर रिजर्व की भांति चूकाबीच में रेट रखे जाएंगे। इस संबंध में अतिशीघ्र बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें वन निगम के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले ही दिन भालू समेत कई वन्यजीव दिखाई दिए, जिससे जंगल की समृद्धता प्रतीत होती है।
फील्ड डायरेक्टर ने कर्मचारियों को दिए निर्देश
टाइगर रिजर्व के पहले फील्ड डायरेक्टर एच.राजामोहन ने गुरुवार से विधिवत कामकाज चालू कर दिया है। उन्होंने उप निदेशक से जंगल और वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने टाइगर रिजर्व मुख्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए। फील्ड डायरेक्टर ने टाइगर रिजर्व मुख्यालय के कार्यालय का बारीकी से निरीक्षण कर पटल सहायकों से बातचीत की। इस दौरान उप निदेशक आदर्श कुमार, पूरनपुर के एसडीओ प्रवीण खरे, प्रशासनिक अधिकारी हरीश चंद्र मौजूद रहे।
पीसीसीएफ को भेजा गया वाहन उपलब्धता का पत्र
टाइगर रिजर्व में पहली बार फील्ड डायरेक्टर की तैनाती हो गई है। फील्ड डायरेक्टर के लिए चौपहिया वाहन नहीं है। अब फील्ड डायरेक्टर को चौपहिया वाहन उपलब्ध कराने के लिए पीसीसीएफ को पत्र भेजा गया है। पीसीसीएफ से मंजूरी मिलने के बाद चौपहिया वाहन मिल जाएगा। फील्ड डायरेक्टर के लिए लिपिकीय कर्मचारियों की व्यवस्था की जा रही है।