फिर छिने ग्राम प्रधान के अधिकार
ग्राम प्रधान के खिलाफ हुई जांच में गबन का मामला प्रकाश में आने पर पंचायती राज विभाग ने ग्राम प्रधान के अधिकार सीज कर दिए हैं।
पीलीभीत : ग्राम प्रधान के खिलाफ हुई जांच में गबन का मामला प्रकाश में आने पर पंचायती राज विभाग ने उनके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए। बाद में जब रिकवरी की धनराशि प्रधान ने जमा कर दी तो उनके अधिकार बहाल कर दिए गए लेकिन शिकायतकर्ता कोर्ट चले गए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद प्रधान के अधिकार बहाल करने के आदेश पर स्टे कर दिया। ग्राम प्रधान फिर से अधिकार विहीन हो गए।
मरौरी विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत कंजा हर्रैया में विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितताएं किए जाने की शिकायत शपथ पत्रों के साथ कुछ ग्रामीणों ने की थी। डीएम के निर्देश पर एक कमेटी गठित करके जांच कराई गई। कुल 3.29 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी हुई है। जिसमें पूर्व प्रधान पर दो लाख से अधिक तथा वर्तमान प्रधान श्रीदाम मिस्त्री पर 12 हजार रुपये की रिकवरी निकाली गई। इस पर वर्तमान प्रधान के वित्तीय अधिकारी सीज कर दिए गए। बाद में उन्होंने अपने हिस्से की रिकवरी की धनराशि राजकोष में जमा कर दी तो विभाग ने उनके अधिकार फिर बहाल कर दिए। शिकायत करने वालों ने कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने के उपरांत अधिकार बहाली के आदेश को स्टे कर दिया। जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमोद कुमार यादव का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद प्रधान के वित्तीय अधिकारी फिर सीज कर दिए गए। संबंधित मामले में पंचायत सचिव के खिलाफ भी जांच की जा रही है।