जंगल में एफडी ने की पैदल गश्त
टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर समेत स्टाफ ने महो़फ और बराही रेंज में पैदल भ्रमण किया।
पीलीभीत: टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर समेत स्टाफ ने महो़फ और बराही रेंज में पैदल गश्त कर सुरक्षा के बारे में जानकारी की।
वन्यजीव सुरक्षा और मानव संघर्ष रोकने के लिए अब वन अधिकारियों ने नई टेक्नोलॉजी का शुभारंभ कर दिया है। इस टेक्नोलॉजी में फील्ड स्टाफ के हाथ में मल्टीमीडिया मोबाइल दिया गया है जो गस्त में उपयोग कर रहे है। मोबाइल चलती फिरती सेटेलाइट का काम करेगा। अगर जंगल में कहीं आग लगती है या कोई वन्यजीव घायल नजर आता है या फिर किसी वन कर्मी को शिकारियों द्वारा या ग्रामीणों द्वारा घेर लिया जाता है तो वह मोबाइल में केवल एक ऑप्शन पर क्लिक करेगा। मदद 30 मिनट के अंदर उसके पास पहुंच जाएगी। यह सॉफ्टवेयर केवल वन्य जीव संघर्ष और वन्य जीव बचाने के लिए बनाया गया है। जंगल में गश्त के दौरान फील्ड स्टाफ नजर रखेगा और फील्ड स्टाफ के हाथ में जो मोबाइल है, उसके जरिए वन अधिकारी अपने कर्मचारी पर निगाह रखेंगे। इसी की जानकारी गश्त के दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच राजा मोहन ने स्टाफ को दी। काफी बड़े अपने अमले के साथ जंगल में पैदल गश्त की। इस दौरान उत्तर प्रदेश उत्तराखंड बॉर्डर पर बसे जंगल को भी देखा गया। बराही रेंज में भी गस्त की गई। एफडी ने सुरक्षा मुस्तैदी से करने के निर्देश दिए। ठंड और कोहरे में स्टाफ से उन की जरूरत के समान के बारे में पूछा गया। ठंड में किस किस चीज की जरूरत पड़ती है। ठंड में वन्य जीव जंगल से बाहर निकल आते हैं। उस पर भी निगाह रखने की सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिसके चलते अगर कोई टाइगर या भालू जंगल से बाहर नजर आता है तो तत्काल वन अधिकारियों को इसकी सूचना दें। गश्त के दौरान महोफ रेंजर गिरिराज ¨सह, बराही रेंजर चंद्रभाल ¨सह, वन दारोगा शंकरलाल,एसपी ¨सह, शफीक अहमद, ठाकुर ¨सह, नसीम खान मौजूद थे।