धान की कटाई में जल्दबाजी न करें किसान
जिला खाद्य विपणन अधिकारी का कहना है कि किसान अपनी धान की फसल कटाई में जल्दबादी न करें।
जेएनएन, पीलीभीत : जिला खाद्य विपणन अधिकारी का कहना है कि किसान अपनी धान की फसल कटाई में जल्दबादी न करें। क्योंकि इससे धान में नमी की मात्रा अधिक रहेगी। जिससे उन्हें क्रय केंद्र पर तौल कराने में दिक्कत आ सकती है। धान में नमी 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान अपना पंजीकरण किसी भी जन सुविधा केंद्र पर करा सकते हैं। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए जिला खाद्य विपणन अधिकारी अविनाश कुमार झा ने बताया कि धान की सरकारी खरीद के लिए तैयारियां हो रही हैं। इसी माह के अंत तक क्रय केंद्र तय कर दिए जाएंगे। धान बिक्री के लिए किसानों को पूरा सरकारी समर्थन मूल्य मिल सके, इसके लिए उन्हें पंजीकरण कराने को जागरूक किया जा रहा है। पहली अक्टूबर से जिले में सभी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो जाएगी। उप निदेशक (कृषि प्रसार) की ओर से किसानों को एसएमएस भेजकर पंजीकरण कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही क्षेत्रीय लेखपाल भी इस कार्य में लगे हुए हैं। क्रय एजेंसियों के जिला प्रभारियों से भी किसानों का पंजीकरण कराने में मदद करने के लिए कहा गया है।
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सवाल : क्रय केंद्र पर धान बिक्री करने के लिए किस प्रकार से और कहां पंजीकरण कराना पड़ेगा।
दिनेश कुमार, ग्राम सादिया
जवाब : किसी भी जन सुविधा केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण में किसान का एक पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खतौनी की नकल अपलोड की जाएगी।
सवाल : पिछले साल पंजीकरण नहीं हो पाने की वजह से सेंटर पर धान की तौल नहीं हो सकी थी। इस बार पहले से पंजीकरण कराना चाहते हैं। इसके लिए क्या करना होगा।
वीरपाल, गजरौला
जवाब : पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल है। किसी भी जन सुविधा केंद्र पर जाकर वहां पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खतौनी की नकल लगानी होगी।
सवाल : क्रय केंद्र पर अक्सर धान में नमी अधिक बताकर वापस कर दिया जाता है। इससे किसान को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता। उसे मजबूरी में अपना धान आढ़तियों के यहां बेचना पड़ता है।
रामस्वरूप, बरखेड़ा
जवाब : किसानों को धान की कटाई में जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। जल्दबाजी करने से ही नमी की मात्रा अधिक रह जाती है। सरकारी नियमों के मुताबिक धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए। कटाई के बाद धान को कुछ समय सुखा लें तो और भी अच्छा है।
सवाल : क्रय केंद्र पर धान की तौल कराने के बाद मूल्य भुगतान कब तक मिल जाएगा।
राम सिंह, बरखेड़ा
जवाब : धान की तौल करा लेने के 75 घंटे के भीतर भुगतान संबंधित किसान के बैंक खाते में सीधे भेज दिया जाता है। भुगतान की कोई समस्या नहीं आती है।
सवाल : अक्सर सेंटरों पर बिचौलिए हावी हो जाते हैं। वह किसान से सौदेबाजी करने लगते हैं। ऐसे में किसान मजबूरी में कम दामों पर अपना धान आढ़तियों के यहां बेच देते हैं।
जसविदर सिंह, पूरनपुर
जवाब : किसी भी सेंटर पर बिचौलियों को हावी नहीं होने दिया जाएगा। अगर किसी सेंटर पर कोई बिचौलिया होगा तो शिकायत मिलने पर जांच कराकर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।