जिपं सदस्य चुनाव : वार्ड 27 में बदला परिणाम
जिला पंचायत के वार्ड संख्या 27 से पहले बसपा समर्थित जगदेई को निर्वाचित घोषित करके प्रमाणपत्र दे दिया गया लेकिन अब निर्वाचन अधिकारी ने उस प्रमाणपत्र को निरस्त करने का नोटिस जारी कर मिथिलेश को निर्वाचित घोषित कर दिया है। चुनाव परिणाम बदल दिए जाने पर बसपा नेताओं ने रोष जाहिर करके हुए प्रशासन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए।
पीलीभीत,जेएनएन : जिला पंचायत के वार्ड संख्या 27 से पहले बसपा समर्थित जगदेई को निर्वाचित घोषित करके प्रमाणपत्र दे दिया गया लेकिन अब निर्वाचन अधिकारी ने उस प्रमाणपत्र को निरस्त करने का नोटिस जारी कर मिथिलेश को निर्वाचित घोषित कर दिया है। चुनाव परिणाम बदल दिए जाने पर बसपा नेताओं ने रोष जाहिर करके हुए प्रशासन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। साथ ही इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने की घोषणा की है।
इस वार्ड से बसपा समर्थित प्रत्याशी जगदेई को विगत दिवस निर्वाचन अधिकारी, एडीएम (न्यायिक) देवेंद्र प्रताप मिश्र ने विजयी घोषित किया था। बाद में उन्होंने विजयी प्रत्याशी को निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया। इससे जगदेई के परिवार और समर्थकों के साथ ही बसपाइयों में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा समय तक नहीं रही। शुक्रवार को निर्वाचन अधिकारी ने जगदेई की प्रतिद्वंद्वी मिथिलेश को विजयी घोषित करके उन्हें वार्ड 27 से निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र जारी कर दिया। इसकी भनक लगते ही बसपा नेता भड़क गए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। कहा कि जब जगदेई को विजयी घोषित करके प्रमाणपत्र दे दिया गया तो अब दूसरी प्रत्याशी को किस आधार पर निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र दिया गया। पार्टी जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि प्रशासन की इस मनमानी से बड़े नेताओं को अवगत करा दिया गया है। इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। उधर, बसपा के मुख्य मंडल जोन कोआर्डिनेटर रामसनेही गौतम एडवोकेट का कहना है कि निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता को भी खत्म कर दिया। ऐसे में निर्वाचन अधिकारी को कोई हक नहीं कि वह इस तरह से चुनाव परिणाम को बदल दें। उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकरण से प्रदेश के नेताओं को अवगत करा दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी। गौतम के मुताबिक इससे पहले वर्ष 2010 के चुनाव में पार्टी समर्थित प्रत्याशी नन्हीं देवी को भी इसी तरह से पक्षपात करके पराजित घोषित कर दिया गया था। अदालत में कानूनी लड़ाई लड़कर नन्हीं देवी को न्याय दिलाया गया था। उसी तरह से जगदेई को भी न्याय मिलने तक संघर्ष करेंगे। इधर, जिला पंचायत के निर्वाचन अधिकारी, एडीएम (न्यायिक) देवेंद्र प्रताप मिश्र का कहना है कि परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद वार्ड संख्या 27 से प्रत्याशी मिथिलेश ने आपत्ति प्रस्तुत की थी। उसी आधार सभी पक्षों की मौजूदगी में सभी बूथों की मतगणना के बाद गणना अभिलेखों का परीक्षण कराया गया। मतगणना में प्राप्त मतों के आंकड़ों के आधार पर इस वार्ड में सर्वाधिक 8742 मत पाने वाली मिथिलेश विजयी उम्मीदवार रहीं। जगदेई 8626 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने बताया कि इसी आधार पर मतगणना परिणाम को संशोधित करते हुए मिथिलेश को विजयी घोषित किया गया है। पूर्व में जगदेई के पक्ष में निर्गत त्रुटिपूर्ण प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया है।