घबराएं नहीं, सुरक्षा उपायों से कोरोना को मात दें
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन संक्रमण तेजी से फैला रहा है। लापरवाही के कारण कोरोना का प्रकोप अधिक है। लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए सावधानियां बरतनी चाहिए। 45 वर्ष व उससे अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोग टीका लगवाएं। टीका लगवाने के बाद भी मास्क पहनना शारीरिक दूरी का पालन करना व हाथ धोते रहना जरूरी है।
पीलीभीत,जेएनएन: कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन संक्रमण तेजी से फैला रहा है। लापरवाही के कारण कोरोना का प्रकोप अधिक है। लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए सावधानियां बरतनी चाहिए। 45 वर्ष व उससे अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोग टीका लगवाएं। टीका लगवाने के बाद भी मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना व हाथ धोते रहना जरूरी है। वैक्सीन लगने के एक माह बाद एंटीबाडी बनती हैं जोकि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। लापरवाही के कारण वैक्सीन लगवा चुके लोग फिर संक्रमित हो रहे हैं। कोई भी लक्षण दिखने पर या संक्रमित के संपर्क में आने पर तुरंत कोविड-19 टेस्ट कराएं। जनपद में आक्सीजन व दवाओं का पर्याप्त भंडार है। किसी प्रकार से मरीजों को दिक्कत नहीं होगी। आयुर्वेदिक कालेज में नया एलटू अस्पताल शुरू करने जा रहा है। जिससे मरीजों को अस्पताल में बेहतर इलाज मिल सके।
कोई संदेह हो तो उसे लेकर घर में न बैठे रहें। विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें। टेस्ट जरूर कराएं जिससे स्थिति साफ हो सके। यह बातें अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीएम चतुर्वेदी ने प्रश्न पहर के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने पाठकों के सवालों का जबाब देते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए उपाय अपनाने को कहा। प्रश्न- वैक्सीनेशन के लिए क्या प्रक्रिया है? क्या वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार भी आता है।
आकाश, छोटा खुदागंज
उत्तर- 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर निश्शुल्क टीकाकरण करा सकते हैं। कोई भी वैक्सीन लगती है तो उससे शरीर में एंटीबाडी बनती हैं। एक दो दिन बुखार आने व शरीर दर्द की शिकायत लगती है लेकिन इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बुखार रहने तक दो दिन पैरासीटामोल गोली इस्तेमाल करें। अधिक दिक्कत लगने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रश्न- कोरोना काल में क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
- सुरेंद्र अग्रवाल, पूरनपुर
उत्तर- कोरोना संक्रमण काल में भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचना चाहिए। अधिक से अधिक घर में रहें। हाथ मिलाने की जगह नमस्कार करें। किसी सतह को न छुएं। बाहर से आने पर गुनगुने पानी से नहा लें, उसके बाद स्वजन के साथ बैठें।
प्रश्न- कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को कैसे जागरूक करें।
- मनोज पटेल, डोरीलाल फाटक
उत्तर- लोगों से यही अपील करें कि अनावश्यक बाहर न निकलें। जरूरी हो तभी बाहर जाएं। मास्क लगाएं व शारीरिक दूरी का पूर्णतया पालन करें। सुबह-शाम गर्म पानी की भाप लें व आयुष काढा का सेवन करते रहें। खानपान संतुलित व पौष्टिक रखें।
प्रश्न- देश में कई वीवीआइपी व वीआइपी लोगों को संक्रमण हो रहा है जबकि वो बहुत सुरक्षा के साथ रहते हैं। इतने भयंकर वायरस से बचाव के लिए आम आदमी क्या सावधानी बरतें।
- वर्षा सक्सेना, वसुंधरा कॉलोनी उत्तर- जो भी लोग संक्रमित हो रहे हैं वो किसी भीड़भाड़ वाले स्थान पर जा रहे हैं। लोगों से मिल रहे हैं इसलिए वायरस से उनका संपर्क हो रहा है। हम लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है कि अपना बचाव खुद करें। बाहर न जाएं जिससे भीड़ एकत्र न हो। अगर कोई लक्षण दिखे तो जांच कराएं। प्रश्न- मैं एसी मैकेनिक हूं। रोज लोगों के घर जाता हूं। संक्रमण से बचाव के लिए क्या सावधानी रखनी चाहिए।
- इमरान अंसारी, मुहल्ला फीलखाना
उत्तर- आप स्वयं मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। हैंड सैनिटाइजर साथ में रखें। जो कुछ छुएं उस पर पहले सैनिटाइजर से छिड़काव कर लें। घर में जाने से पहले उनसे पूछ लें कि उस घर में कोई संक्रमित या संदिग्ध तो नहीं है।
प्रश्न- जनपद के कोरोना अस्पताल में क्या सुविधाएं हैं। मरीजों को कब भर्ती होना चाहिए।
- शिवांशु त्रिवेदी
उत्तर- कोरोना से लड़ने के लिए जनपद में 100 बेड का कोविड अस्पताल है जिसमें ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर तक की सुविधा उपलब्ध है। मरीजों को लक्षणों के आधार पर हालत गंभीर होने पर भर्ती किया जाता है। लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना, डायरिया, शरीर में दर्द, कमजोरी, आंख लाल होना, ऑक्सीजन कम होना आदि प्रमुख हैं।
प्रश्न- व्यापारियों को किस तरह बचाव करना चाहिए।
- अभिषेक सिंह गोल्डी
उत्तर- दुकानों के आगे रस्सी लगा दें जिससे ग्राहकों की भीड़ दुकान में एकत्र न हो पाए। दुकानों पर मास्क व सैनिटाइजर का प्रबंध करें। दुकानों पर आने वाले लोगों को जागरूक करते रहें। घर जाएं तो जूते व कपड़े बाहर ही उतार दें। गुनगुने पानी से स्नान करने के बाद ही परिजनों के साथ बैठें।